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महराजगंज: NH-730 के सड़क निर्माण को लेकर फैलायी जा रही है अफवाह, ये है सच्चाई

करीब डेढ़ साल पहले महराजगंज जनपद मुख्यालय पर NH-730 के सड़क का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था लेकिन आज तक यह निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है।
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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महराजगंज: NH-730 के सड़क निर्माण को लेकर फैलायी जा रही है अफवाह, ये है सच्चाई

महराजगंज: कस्बे के मूल निवासी और वरिष्ठ पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल आकाश ने प्रेस को एक बयान जारी कर कहा है कि महराजगंज जिले के कुछ लोग इस बात की झूठी अफवाह फैला रहे हैं कि नगर में हो रहे NH-730 के सड़क के निर्माण का कार्य मेरे मकान की वजह से रुका हुआ है और मैं सड़क निर्माण के कार्य में बाधक बन रहा हूं। यह सरासर झूठ और बेबुनियाद अफवाह है। इस आरोप की आड़ में कुछ असामाजिक तत्व अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाहते हैं। 

हमीद नगर मुहल्ले के मेरे मकान पर मध्य सड़क से 16 मीटर तक सड़क बनाये जाने पर मुझे कोई आपत्ति नहीं है। नेशनल हाइवे के इंजीनियर तत्काल सड़क निर्माण कर शहर के विकास का कार्य करें। इसके लिए यदि 16 मीटर से अधिक जमीन की आवश्यकता होगी तो भी शहर के विकास के लिए मैं अपनी निजी जमीन मुआवजे के साथ नियमानुसार देने के लिए तैयार हूं। 

श्री टिबड़ेवाल ने कहा कि उन्होंने हमेशा कहा है कि सड़क निर्माण पर मुझे कोई आपत्ति नहीं है, मेरी जितनी निजी जमीन चाहिये, जिला प्रशासन ले सकता है लेकिन इसके लिए नियमानुसार मेरी निजी जमीन का मुझे मुआवजा दिया जाये। मेरे मुआवजे की मांग को अनसुना कर बिना विधिक प्रक्रिया का पालन किये हुए मेरे पैतृक मकान को बीते 13 सितंबर 2019 को गैरकानूनी ढ़ंग से एक बड़ी साजिश के तहत मुझे अपमानित करने के लिए तत्कालीन जिलाधिकारी ने बुलडोजरों से जबरन ध्वस्त करा दिया था। जिसमें न्याय पाने के लिए मैं कानूनी लड़ाई लड़ रहा हूं। राष्ट्रीय मानव अधिकार आय़ोग से लेकर बस्ती के मंडलायुक्त और अन्य तमाम अलग-अलग उच्च स्तरीय जांचों में मेरे मकान को गैरविधिक तरीके से गिराये जाने के मेरे आरोप सत्य पाये गये हैं और इन जांच रिपोर्टों में स्पष्ट तौर पर तत्कालीन जिलाधिकारी, पुलिस प्रशासन, नगर पालिका प्रशासन और नेशनल हाइवे के इंजीनियर दोषी पाये गये हैं।

13 सितंबर की घटना के दोषियों को कानून के मुताबिक सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए और मेरे निजी जमीन का मुआवजा लेने के लिए मेरी वैधानिक लड़ाई लगातार अंतिम दम तक जारी रहेगी।  

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