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महराजगंज: थानेदार की नादानी से कोल्हुई कस्बा बैठा ज्वालामुखी के मुहाने पर, एकतरफा कार्यवाही से आक्रोश

अटल जी के नाम पर जबरन दुकानें बंद कराने को लेकर महराजगंज जिले के कोल्हुई बाजार कस्बे में रविवार को भाजपा और व्यापारियों के बीच भिड़ंत हो गयी। इस मामले में कोल्हुई पुलिस की नादानी बड़ी घटना का संकेत दे रही है। कल के बवाल के 27 घंटे बीतने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्यवाही तो दूर मामूली निषेधात्मक कार्यवाही तक नही की। इससे नाराज व्यापारियों ने जब कार्यवाही की मांग की तो पुलिस ने उल्टे सत्ता के दबाव में एक पक्षीय कार्यवाही करते हुए व्यापारी पक्ष के दो लोगों को उठाकर थाने ले आयी। इसके बाद लोगों का आक्रोश बढ़ गया है। मौका-ए-वारदात से डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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महराजगंज: थानेदार की नादानी से कोल्हुई कस्बा बैठा ज्वालामुखी के मुहाने पर, एकतरफा कार्यवाही से आक्रोश

कोल्हुई (महराजगंज): रविवार की दोपहर को कोल्हुई कस्बे में बड़ा बवाल और हंगामा हुआ। वजह था भाजपा के कार्यकर्ताओं के द्वारा जबरन व्यापारियों की दुकानें बंद कराना। भाजपा के नेताओं द्वारा जबरन दुकानों को बंद कराना व्यापारियों को रास नही आया और जब उन्होंने दुकानें बंद करने से मना किया तो फिर भाजपाई मार-पीट पर उतारु हो गये।

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दोनों तरफ से जमकर हंगामा, बवाल व मारपीट हुई। गोरखपुर-सोनौली राष्ट्रीय राजमार्ग काफी देर तक घटना के विरोध में जाम रहा। एक पूर्व सांसद घटना को राजनीतिक रंग देने के लिहाज से मौके पर पहुंच कर धरना तक देने में जुट गये। इसके बाद दोनों पक्षों ने कोल्हुई थानेदार उपेन्द्र मिश्र को लिखित तहरीर दी लेकिन मुकदमा दर्ज करना तो दूर सत्ता पक्ष के दबाव में थानेदार ने कोई प्रभावी निषेधात्मक कार्यवाही तक नही की।

 

 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक कल की घटना पर 27 घंटे बाद तक कोई कार्यवाई नही की गयी इससे आक्रोशित व्यापारियों ने फिर पुलिस से मांग की कि कल की घटना में दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाये और कस्बे में जुटने लगे। जब इसकी भनक पुलिस को लगी तो मौके पर भारी पुलिस फोर्स के साथ पहुंच एकतरफा कार्यवाही करते हुए व्यापारी पक्ष के दवा दुकानदार उपेन्द्र सिंह और उनके ही साथी और कोल्हुई के ग्राम प्रधान मनोज सिंह को टांगकर थाने ले आयी। इसके बाद से ही लोगों का गुस्सा भड़का हुआ है।

सत्ता के दबाव में कोल्हुई थानेदार न तो मानवाधिकार आयोग को कुछ समझने को तैयार हैं और न ही कोर्ट को। सबसे बड़ा सवाल यह है कि मौके पर जब व्यापारियों ने कल की घटना पर की गयी कार्यवाही के बारे में थानेदार से जानना चाहा तो उन्होंने कार्यवाही की जानकारी देने के बजाय एक पक्ष की तरफ से पार्टी बनकर क्यों खड़े हो गये? 

 

 

मौका-ए-वारदात के हालात यह है कि लोगों में पुलिसिया नाकामी को लेकर भारी आक्रोश है और यह कभी भी ज्वालामुखी की तरह फट सकता है..अब यक्ष प्रश्न यह है कि यदि कोई अनहोनी हुई तो फिर उसका जिम्मेदार कौन होगा?

फिलहाल इलाके में जबरदस्त तनाव बना हुआ है और भारी पुलिस फोर्स झोंकी गयी है।

 

कोल्हुई थाने का देर रात का दृश्य

 

सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि डाइनामाइट न्यूज़ द्वारा बार-बार पुलिस विभाग के आला-अफसरों के इस बारे में अब तक की गयी कार्यवाही के बारे में पूछा जा रहा है लेकिन न जाने क्यों सभी किसके दबाव में रहस्यमयी चुप्पी साधे हुए हैं और कुछ भी बताने को तैयार नही हैं।

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