Site icon Hindi Dynamite News

लोकसभा चुनावों के दौरान दाल की बढ़ती कीमतों से जनता बेहाल

एक ओर देश में लोकसभा चुनावों को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी जोर आजमाइश में लगी हुई हैं। वहीं आम आदमी की थाली से दाल धीरे-धीरे गायब होती जा रही है।
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
लोकसभा चुनावों के दौरान दाल की बढ़ती कीमतों से जनता बेहाल

लखनऊ: देश में लोकसभा चुनाव का माहौल चल रहा है। सभी राजनीतिक पार्टियां और जिम्मेदार अफसर लोकसभा चुनाव को संपन्‍न कराने में जुटे हैं। वहीं दूसरी ओर दाल की बढ़ती महंगाई ने जनता को बेहाल कर रखा है।

यह भी पढ़ें: जिला मुख्‍यालय के पास की सड़क महीनों से टूटी पड़ी, कोई नहीं सुध लेने वाला

जनता यह सवाल कर रही है की लोकसभा चुनाव तो ठीक है लेकिन दाल की बढ़ती महंगाई से हमें निजात कौन दिलाएगा? जब हमने दाल की बढ़ती महंगाई के कारणों की पड़ताल की तो पता चला कि ट्रांसपोर्ट सिस्टम की वजह से दालों की आपूर्ति प्रभावित हुई है। 

यह भी पढ़ें: यूपी में 14 सीटों पर कल सुबह 7 बजे से शुरू होगा मतदान, राजनीति के कई धुरंधरों का भविष्‍य ईवीएम में होगा कैद

यही वजह है कि 1 हफ्ते पहले ₹80 प्रति किलो बिकने वाली उड़द की दाल ₹100 किलो जबकि अरहर की दाल ₹80 किलो तक पहुंच गई है। साथ ही मसूर, चने की दालों के बढ़ते रेट ने भी लोगों को हैरान और परेशान कर रखा है। 

डाइनामाइट न्यूज ने इस बारे में लखनऊ के कई दुकानदारों से बात की, जिस पर उन्होंने बताया की दाल की बढ़ती हुई कीमतों से दाल की बिक्री पर भी असर पड़ा है। वहीं ग्राहकों का यह कहना है कि दाल की बढ़ती हुई कीमतों ने उनके रसोईघर का बजट बिगाड़ रखा है।

यह भी पढ़ें: स्‍वच्‍छता अभियान चलाने वालों को यूपी की जनता करेगी साफ, नहीं खुलेगा खाता.. गोरखपुर में भाजपा पर बरसे सपा प्रमुख अखिलेश यादव

ऐसे में सरकार को इस ओर ध्यान देने की अपील भी उन्होंने डाइनामाइट न्यूज के माध्यम से की और आंशका जताई कि आने वाले समय में दालों की बढ़ती हुई कीमतें सरकार का राजनीतिक गणित भी बिगाड़ सकती हैं। ऐसे में सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।

Exit mobile version