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भगवान राम केवल पत्थर या लकड़ी की मूर्ति नहीं, पढ़िये रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का ये पूरा बयान

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि भगवान राम भारत की पहचान हैं, केवल पत्थर या लकड़ी की मूर्ति भर नहीं हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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भगवान राम केवल पत्थर या लकड़ी की मूर्ति नहीं, पढ़िये रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का ये पूरा बयान

नयी दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि भगवान राम भारत की पहचान हैं, केवल पत्थर या लकड़ी की मूर्ति भर नहीं हैं।

सिंह ने कहा कि सरकार अस्पताल बनाएगी, स्कूल बनाएगी, उद्योग लगाएगी और साथ में मंदिर भी बनाएगी।

वह यहां आयोजित एक कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार राम नवमी के अवसर पर उन्होंने कहा, ‘‘जब राम मंदिर निर्माण की बात आई तो कई लोगों ने इस बारे में अपनी राय देनी शुरू कर दी। कुछ लोगों की राय थी कि उस जगह अस्पताल बनाया जाए, तो कुछ ने कहा कि एक स्कूल बनाया जा सकता है। कुछ ने तो यह तक सुझाया कि कोई उद्योग लगाया जा सकता है। ये वे लोग थे जिन्होंने भगवान राम को कभी समझा नहीं और उन्हें मन से कभी आत्मसात नहीं किया।’’

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘भगवान राम केवल पत्थर, लकड़ी या मिट्टी की मूर्ति नहीं हैं, वह हमारी संस्कृति और आस्था का केंद्र हैं। भगवान राम हमारी और हमारे देश की पहचान हैं।’’

सिंह ने कहा, ‘‘हम अस्पताल, स्कूल बनाएंगे, उद्योग लगाएंगे और हम मंदिर भी बनाएंगे।’’

उन्होंने अपने भाषण में यह भी कहा कि केंद्र के प्रयासों के कारण ही पूर्वोत्तर आज दिल्ली और लोगों के दिल के करीब आ गया है।

सिंह ने कहा कि आज उत्तर पूर्व में अभूतपूर्व शांति है जिसकी वजह से क्षेत्र के अनेक हिस्सों से ‘सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम’ (अफस्पा) हटा दिया गया है।

उन्होंने कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ केवल नारा नहीं बल्कि जन आंदोलन बन गया है।

सिंह ने कहा, ‘‘मैं रक्षा मंत्री के रूप में कह सकता हूं कि आज महिलाएं सशस्त्र बलों में शामिल होकर उसे और मजबूती प्रदान कर रही हैं। वे लड़ाकू पायलट के रूप में लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं। हाल में, मैंने तोपखानों में महिलाओं को शामिल करने को मंजूरी दी।’’

उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों में महिलाओं के शामिल होने के साथ हम मिलकर महिला सशक्तीकरण और सशस्त्र बलों को मजबूत करने की दिशा में बढ़ रहे हैं।

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