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Padma Shri: पैरा-बैडमिंटन राष्ट्रीय कोच गौरव खन्ना ने पद्मश्री मिलने पर जानिए क्या कहा

संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइएमएस), लखनऊ के निदेशक डॉ. राधा कृष्ण धीमान और भारतीय पैरा-बैडमिंटन टीम के मुख्य राष्ट्रीय कोच गौरव खन्ना उत्तर प्रदेश के उन 12 लोगों में शामिल हैं, जिन्हें विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Padma Shri: पैरा-बैडमिंटन राष्ट्रीय कोच गौरव खन्ना ने पद्मश्री मिलने पर जानिए क्या कहा

लखनऊ: संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइएमएस), लखनऊ के निदेशक डॉ. राधा कृष्ण धीमान और भारतीय पैरा-बैडमिंटन टीम के मुख्य राष्ट्रीय कोच गौरव खन्ना उत्तर प्रदेश के उन 12 लोगों में शामिल हैं, जिन्हें विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार पुरस्कार मिलने पर खुशी व्यक्त करते हुए गौरव खन्ना ने  कहा, ‘‘मुझे (बृहस्पतिवार को) दोपहर में एक फोन आया जिसमें मुझे पुरस्कार के बारे में बताया गया। मेरा प्रयास नए खिलाड़ियों की पहचान करना, पैरालंपिक में भारत के प्रदर्शन में सुधार करना और शारीरिक रूप से अक्षम बच्चों में विजेता की पहचान करना है।’’

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डॉ. धीमान वर्तमान में हेपेटोलॉजी के प्रोफेसर और संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइएमएस), लखनऊ के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं।

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अन्य पुरस्कार विजेताओं में खलील अहमद (कला), नसीम बानो (कला), गोदावरी सिंह (कला), उर्मिला श्रीवास्तव (कला), बाबू राम यादव (कला), सुरेंद्र मोहन मिश्रा (मरणोपरांत – कला), राम चेत चौधरी (विज्ञान और इंजीनियरिंग), राधे श्याम पारीक (चिकित्सा), राजाराम जैन (साहित्य और शिक्षा) और नवजीवन रस्तोगी (साहित्य और शिक्षा) शामिल हैं।

लकड़ी के खिलौने बनाने वाले वाराणसी के शिल्पकार गोदावरी सिंह पिछले कई वर्षों से खिलौने बनाने का काम कर रहे हैं और उन्होंने लकड़ी के खिलौना उद्योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का काम किया है।

सिंह ने  कहा, ‘‘मुझे कल रात खबर मिली। यह गर्व का क्षण है। मुझे सम्मान मिला, इसके लिए मैं प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी), (केंद्रीय गृह मंत्री) अमित शाह और उप्र के मुख्यमंत्री योगी (आदित्यनाथ) जी का धन्यवाद देता हूं।’’

मुरादाबाद के पीतल शिल्पकार बाबू राम यादव ने  बताया कि वह 1962 से यह काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने यह काम एक सरकारी संस्थान में सीखा था। हमारे गुरु श्री अमर सिंह जी वहां थे। मैंने उनसे यह काम सीखा।’’

इस सवाल पर कि पद्मश्री की घोषणा हो चुकी है और पूर्व में दिलशाद हुसैन साहब को यह पुरस्कार मिला था, इससे व्यापार को क्या फायदा होगा? यादव ने कहा, ‘‘इससे कारोबार को काफी प्रोत्साहन मिलेगा। अगर भारत सरकार हमारा समर्थन करती रहे और अगर (प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी जी हमारे साथ खड़े रहें तो देश-विदेश में इसे बड़ी सफलता मिलेगी।’’

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