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Jawaharlal Nehru University: प्रदर्शन पर रोक लगाने संबंधी आदेश के बीच जेएनयू ने नये ‘मुख्य प्रॉक्टर’ की नियुक्ति की

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने अपने ‘संस्कृत एवं प्राच्यविद्या अध्ययन संस्थान’ के प्रोफेसर सुधीर कुमार को नया मुख्य प्रॉक्टर नियुक्त किया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Jawaharlal Nehru University: प्रदर्शन पर रोक लगाने संबंधी आदेश के बीच जेएनयू ने नये ‘मुख्य प्रॉक्टर’ की नियुक्ति की

नयी दिल्ली:  जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने अपने ‘संस्कृत एवं प्राच्यविद्या अध्ययन संस्थान’ के प्रोफेसर सुधीर कुमार को नया मुख्य प्रॉक्टर नियुक्त किया है।

यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है, जब विश्वविद्यालय परिसर के प्रतिबंधित क्षेत्रों में विरोध-प्रदर्शन पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाने की नियमावली को लेकर विवाद हो रहा है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक  कुमार ने विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर एन. जनार्दन राजू का स्थान लिया है। मुख्य प्रॉक्टर कार्यालय (सीपीओ) की ओर से जारी इस नियमावली को लेकर पिछले साल नवंबर में विवाद पैदा हो गया था। ये नियमावली उस समय जारी हुई थी, जब राजू मुख्य प्रॉक्टर थे।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने सीपीओ नियमावली को रद्द करने की मांग की थी, जिसमें परिसर में धरना देने पर 20,000 रुपये और ‘‘देश-विरोधी’’ नारे लगाने पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया गया था।

जेएनयूएसयू ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘‘छात्रों के एकजुट संघर्ष के बाद, प्रशासन द्वारा मुख्य प्रॉक्टर को बदल दिया गया।’’

इसने कहा कि वह इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है और चाहते हैं कि पूरी नियमावली को वापस लिया जाए।

हालांकि, जेएनयू प्रशासन ने इस बात से इनकार किया है कि नियुक्ति किसी भी तरह से छात्रों की मांगों से जुड़ी है। इसमें कहा गया है कि एन. जनार्दन राजू को पर्यावरण विज्ञान संस्थान के डीन के रूप में पदोन्नत किए जाने के बाद सुधीर कुमार को मुख्य प्रॉक्टर नियुक्त किया गया।

जेएनयू की कुलपति शांतिश्री डी. पंडित ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘छात्रों की मांगों का नियुक्ति से कोई लेना-देना नहीं है। छात्रों ने अधिकारियों से मुलाकात की और उनसे लिखित में यह दिखाने के लिए कहा गया कि पुरानी नियमावली से क्या अलग है। अभी तक छात्रों की ओर से लिखित में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।’’

 

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