देश की अखंडता के लिए हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं को जीवित रखना जरूरी

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरुण कुमार मिश्रा ने शुक्रवार को कहा कि “देश की सांस्कृतिक एकता और अखंडता” के लिए दैनिक जीवन में हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के उपयोग को बढ़ावा देकर उन्हें जीवित रखना आवश्यक है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 21 January 2023, 12:09 PM IST

नयी दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरुण कुमार मिश्रा ने शुक्रवार को कहा कि “देश की सांस्कृतिक एकता और अखंडता” के लिए दैनिक जीवन में हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के उपयोग को बढ़ावा देकर उन्हें जीवित रखना आवश्यक है।

मिश्रा सितंबर 2022 में हिंदी पखवाड़े के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के 33 विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करने के लिए यहां आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।

न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि किसी देश की संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन में भाषाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

उन्होंने कहा इसलिए, देश की सांस्कृतिक एकता और अखंडता के लिए हमारे दैनिक जीवन में उनके उपयोग को बढ़ावा देकर हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं को जीवित रखना आवश्यक है।

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  • 21 January 2023, 12:09 PM IST