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Indian Women’s Hockey Team: भारतीय महिला टीम की ड्रैग फ्लिकर के लिये रूपिंदर का मंत्र ‘फर्स्ट रशर’ को पछाड़ो

भारतीय महिला हॉकी टीम में पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील नहीं कर पाना पिछले कुछ समय से परेशानी का कारण बना हुआ है और पूर्व स्टार ड्रैग फ्लिकर रूपिंदरपाल सिंह का मानना है कि इसमें सफलता पाने का तरीका ‘फर्स्ट रशर’ (रोकने के लिए पहले भागकर आने वाले) को पछाड़ना है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Indian Women’s Hockey Team: भारतीय महिला टीम की ड्रैग फ्लिकर के लिये रूपिंदर का मंत्र ‘फर्स्ट रशर’ को पछाड़ो

रांची: भारतीय महिला हॉकी टीम में पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील नहीं कर पाना पिछले कुछ समय से परेशानी का कारण बना हुआ है और पूर्व स्टार ड्रैग फ्लिकर रूपिंदरपाल सिंह का मानना है कि इसमें सफलता पाने का तरीका ‘फर्स्ट रशर’ (रोकने के लिए पहले भागकर आने वाले) को पछाड़ना है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार  पेनल्टी कॉर्नर की समस्याओं को ठीक करने के लिए पूर्व भारतीय पुरुष टीम के ड्रैग फ्लिक विशेषज्ञ रूपिंदर ने शनिवार से यहां शुरू होने वाले एफआईएच ओलंपिक क्वालीफायर से पहले महिला टीम को पांच दिन तक गुर सिखाये।

एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी जीतने के बाद भारतीय महिला खिलाड़ियों ने इसके बाद हुए कई टूर्नामेंट में पेनल्टी कॉर्नर से गोल करने के बहुत सारे मौके खराब कर दिये जिसमें एशियाई खेल भी शामिल थे।

रूपिंदर ने स्वीकार किया कि अन्य टीमों का डिफेंस मजबूत हो गया है और उन्होंने कहा कि पिछले महीने बेंगलुरु में भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के शिविर के दौरान उन्होंने महिला टीम की ड्रैग फ्लिकरों की ‘बेसिक्स’ पर काम किया।

रूपिंदर ने पीटीआई से कहा, ‘‘आज की हॉकी में सभी टीम का पेनल्टी कॉर्नर डिफेंस बहुत मजबूत हो गया है। यह पहले जैसा नहीं है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘गुरजीत (कौर) और दीपिका बहुत अच्छी ड्रैग फ्लिकर हैं और अच्छा कर रही हैं। यह दिन की उनकी योजना पर निर्भर करता है और वे इसका कार्यान्वयन किस तरह करती हैं। ’’

रूपिंदर ने कहा, ‘‘ड्रैग फ्लिकर के लिए सबसे अहम चीज यह समझना है कि ‘फर्स्ट रशर’ को कैसे पछाड़ा जाये और योजना कार्यान्वित की जाये। इसलिये ही हमने शिविर के दौरान कुछ वैरिएशन पर काम किया कि ‘फर्स्ट रशर’ को कैसे पछाड़ा जाये। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनके खेलने की शैली नहीं बदलना चाहता था लेकिन मैंने मैच से पहले और मैच की परिस्थितियों में उनकी सोच पर काम किया। मैंने मुख्यत: उनकी ‘बेसिक्स’ पर काम किया। पूरा ध्यान ‘बेसिक्स’ पर था। ’’

भारत की तोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतने वाली टीम के स्टार खिलाड़ियों में शामिल रहे रूपिंदर ने सितंबर 2021 में अंतरराष्ट्रीय हॉकी को अलविदा कह दिया था। लेकिन उन्हें अगली हॉकी इंडिया लीग में खेलने की उम्मीद है जो इस साल के अंत में या अगले साल के शुरू में फिर से आयोजित होगी।

 

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