Site icon Hindi Dynamite News

बढ़ती कीमतों, बेरोजगारी को देखते हुए सभी ताकतों को एक साथ आना चाहिए: आप

‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लुसिव अलायंस’ (इंडिया) गठबंधन ( के घटक दलों) के संसदीय दल के नेताओं की बुधवार को होने वाली ‘समन्वय बैठक’ से पहले आम आदमी पार्टी (आप) ने बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई के मद्देनजर विपक्षी दलों के एक साथ आने की जरूरत पर मंगलवार को जोर दिया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
बढ़ती कीमतों, बेरोजगारी को देखते हुए सभी ताकतों को एक साथ आना चाहिए: आप

नयी दिल्ली: ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लुसिव अलायंस’ (इंडिया) गठबंधन ( के घटक दलों) के संसदीय दल के नेताओं की बुधवार को होने वाली ‘समन्वय बैठक’ से पहले आम आदमी पार्टी (आप) ने बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई के मद्देनजर विपक्षी दलों के एक साथ आने की जरूरत पर मंगलवार को जोर दिया।

सूत्रों ने कहा है कि ‘इंडिया’ के कुछ घटक दलों के प्रमुख नेताओं की अनुपलब्धता के चलते बुधवार को होने वाली गठबंधन की बैठक फिलहाल स्थगित कर दी गई है तथा यह अब इस महीने के तीसरे सप्ताह में होगी।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के कार्यालय के संबद्ध और कांग्रेस कार्य समिति के स्थायी आमंत्रित सदस्य गुरदीप सप्पल का कहना है कि अब छह दिसंबर की शाम छह खरगे के आवास पर इंडिया गठबंधन के (घटक दलों) के संसदीय दल के नेताओं की ‘समन्वय बैठक’ होगी।

उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘इंडिया गठबंधन के (घटक दलों) के संसदीय दल के नेताओं की समन्वय बैठक 6 दिसंबर 2023 को शाम छह बजे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जी के आवास पर होगी। इसके बाद पार्टी अध्यक्षों/ प्रमुख नेताओं की बैठक दिसंबर के तीसरे सप्ताह में सभी के लिए सुविधाजनक तिथि को निर्धारित की जाएगी।’’

यह कदम ऐसे वक्त उठाया गया है जब तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी और समाजवादी पार्टी (एसपी) प्रमुख अखिलेश यादव सहित गठबंधन के कुछ विपक्षी नेताओं ने कहा कि वे बुधवार को होने वाली ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे।

‘आप’ विधायक दुर्गेश पाठक से संवाददाता सम्मेलन में पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी बुधवार की बैठक में हिस्सा लेगी।

उन्होंने इसके जवाब में कहा, ‘‘जहां तक मुझे पता है तो बैठक स्थगित कर दी गई है। मेरे पास कोई अन्य जानकारी नहीं है, लेकिन हमने हमेशा महसूस किया है कि देश में जिस तरह से बेरोजगारी और महंगाई बढ़ रही है, सभी ताकतों को एक साथ आना चाहिए।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव परिणामों (जहां भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस को हराया) के बाद सभी दलों को एक साथ आने की जरूरत है, पाठक ने कहा, ‘‘विचार करने के लिए कई चीजें हैं और कमियों को दूर करने और संचार को मजबूत करने की जरूरत है। ये चीजें कैसे की जाएंगी इसकी रूपरेखा पार्टी आपके साथ साझा करेगी।’’

‘आप’ नेता ने यह भी कहा कि पार्टी तीन राज्यों में अपने प्रदर्शन का विश्लेषण करेगी, कमियों पर गौर करेगी और उन पर काम करेगी।

‘आप’ भी इन तीन राज्यों में चुनावी मैदान में थी, लेकिन उसे एक प्रतिशत से भी कम वोट शेयर मिला।

डाइनामाइट न्यूज़ संवादाता के अनुसार छत्तीसगढ़ में उसे 0.93 फीसदी वोट मिले जो नोटा से भी कम है। उसका यही हश्र राजस्थान और मध्य प्रदेश में हुआ, जहां उसका मत प्रतिशत क्रमशः 0.38 फीसदी और 0.54 फीसदी रहा।

Exit mobile version