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भारत के आर्थिक परिदृश्य को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कही ये बात

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कई योजनाओं के जरिये देश के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को बदलने के साथ भारत को सामाजिक कल्याणकारी ‘राज्य’ बनाया जा रहा है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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भारत के आर्थिक परिदृश्य को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कही ये बात

नयी दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि कई योजनाओं के जरिये देश के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को बदलने के साथ भारत को सामाजिक कल्याणकारी ‘राज्य’ बनाया जा रहा है।

साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि यदि इस कार्य को करने के लिए नौकरशाही नहीं होती, तो ऐसा कुछ भी नहीं हुआ होता।

पूर्व नौकरशाह विनोद राय द्वारा संपादित पुस्तक ‘ट्रांसफॉर्मिंग द स्टील फ्रेम-प्रोमिस एंड पैराडॉक्स ऑफ सिविल सर्विस रिफॉर्म’ के विमोचन के बाद जयशंकर ने कहा कि देश का भविष्य बहुत हद तक इस बात पर निर्भर है कि कितनी अच्छी तरह से राजनीति और ‘स्टील फ्रेम’ (नौकरशाही) साथ मिल कर काम करती है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम आज असल में इस देश को सामाजिक कल्याणकारी राज्य बना रहे हैं। किसी ने भी 2,000 डॉलर की प्रति व्यक्ति आय से एक सामाजिक कल्याणकारी राज्य का निर्माण नहीं किया है…आज ऐसे कई सारे कार्यक्रम हैं, जो भारत के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को बदल रहे हैं, लेकिन इसकी योजना बनाने के लिए यदि नौकरशाही नहीं होती, तो ऐसा कुछ नहीं हो पाता।’’

मंत्री ने कहा कि देश की आजादी के 40 साल बाद भारत ने महसूस किया कि इसका आर्थिक ‘मॉडल’ कमजोर हो गया है और फिर 1990 के दशक की शुरूआत में सुधारों का दौर शुरू हुआ।

जयशंकर ने कहा, ‘‘लेकिन जब हमने सुधार करने का विचार अपनाया, हमने व्यापक रूप से बहुत सीमित आर्थिक सुधार देखे। इसके अन्य राजनीतिक परिणाम और विदेश नीति से जुड़े परिणाम थे। यदि मैं भारत के 1990 के दशक की तुलना जापान के 1860 के दशक या चीन के 1970 और 80 के दशक से करता हूं, तो मुझे लगता है कि जो व्यापक सुधार किये गये, उनमें एक बहुत बड़ा अंतर है, खासतौर पर उनकी नौकरशाही के संबंध में। यह कुछ ऐसी चीज है, जो भारत में नहीं हुई।’’

पुस्तक विमोचन कार्यक्रम को भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत और पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक राय ने भी संबोधित किया।

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