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CWC Meeting: पांच राज्यों में चुनाव के ऐलान से पहले कांग्रेस कार्य समिति की बैठक, खरगे बोले- जाति जनगणना जरूरी, जानिये ये अपडेट

कार्य समिति की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि जाति जनगणना का मुद्दा अहम है, लेकिन इस पर केंद्र सरकार मौन है। उन्होंने कहा कि 2024 में सत्ता में आने पर ओबीसी महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी तय करने के साथ ही हम महिला आरक्षण तुरंत लागू करेंगे।। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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CWC Meeting: पांच राज्यों में चुनाव के ऐलान से पहले कांग्रेस कार्य समिति की बैठक, खरगे बोले- जाति जनगणना जरूरी, जानिये ये अपडेट

नयी दिल्ली:कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की सोमवार को यहां बैठक हो रही है, जिसमें जाति आधारित गणना और राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना एवं मिजोरम के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए चुनावी रणनीति और कुछ अन्य मुद्दों पर चर्चा हो रही है।

कार्य समिति की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि जाति जनगणना का मुद्दा अहम है, लेकिन इस पर केंद्र सरकार मौन है। उन्होंने कहा कि 2024 में सत्ता में आने पर ओबीसी महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी तय करने के साथ ही हम महिला आरक्षण तुरंत लागू करेंगे।

खरगे ने कहा कि आगामी चुनावों में राजनीतिक दलों के नेता ही नहीं, संवैधानिक पदों पर बैठे लोग भी सक्रिय हैं, वे हम लोगों पर सीधे हमले कर रहे हैं, मर्यादाएं टूट रही हैं, ऐसी स्थिति में हम मौन नहीं रह सकते।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू तथा पार्टी के कई वर्ष नेता शामिल हैं।

कार्य समिति की बैठक ऐसे वक्त हो रही है जब कुछ विपक्षी दलों के नेता केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। इस कड़ी में हालिया कार्रवाई, दिल्ली आबकारी नीति मामले में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह की गिरफ्तारी है।

पार्टी की ओर से जाति जनगणना का पुरजोर समर्थन किए जाने के बीच, कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य एवं कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने राहुल गांधी के ‘जितनी आबादी, उतना हक’ नारे को लेकर हाल में चिंता जताई थी और तर्क दिया था कि यह बहुसंख्यकवाद को मंजूरी देने के समान है।

सिंघवी की टिप्पणी से कांग्रेस के दूरी बनाने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर किये गये अपने इस पोस्ट को हटा दिया लेकिन जाति आधारित गणना के आह्वान के चलते पार्टी के एक हिस्से में चिंता बरकरार है क्योंकि यह राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दा है।

कांग्रेस छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सत्ता बरकरार रखने की कोशिश कर रही है और मध्य प्रदेश में भाजपा, तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) तथा मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट को सत्ता से बेदखल करने की उसे उम्मीद है।

कार्य समिति की पिछली बैठक में पारित प्रस्ताव में जातिगत जनगणना की मांग भी उठाई गई और कहा गया कि अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) के लिए आरक्षण की मौजूदा अधिकतम सीमा बढ़ाई जाए। बैठक के बाद 14 सूत्री प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था की स्थिति, किसानों की समस्याओं, चीन के साथ सीमा विवाद, अडाणी समूह से जुड़े मामले तथा कई अन्य मुद्दों का उल्लेख किया गया था।

कांग्रेस ने 20 अगस्त को अपनी कार्य समिति का पुनर्गठन किया था, जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं। कार्य समिति में 39 सदस्य, 32 स्थायी आमंत्रित सदस्य और 13 विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल किए गए हैं। इसमें सचिन पायलट और शशि थरूर जैसे नेताओं को पहली बार जगह मिली है।

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