Site icon Hindi Dynamite News

Chhath Puja Special: रामायण और महाभारत काल से ही मनाई जा रही छठ, जानें इस दिन की महिमा

बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा त्योहार छठ पूजा की शुरुआत हो गई है। इसमें छठ मैया का पूजन और सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। जानिए इस दिन की महिमा और महत्व। पढ़ें पूरी खबर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
Chhath Puja Special: रामायण और महाभारत काल से ही मनाई जा रही छठ, जानें इस दिन की महिमा

नई दिल्लीः लोक आस्था के महापर्व छठ के चार दिवसीय अनुष्ठान की शुरुआत बुधवार को नहाय-खाय के साथ हो गई है। छठ पूजा में भगवान सूर्य की पूजा का विशेष महत्व है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी  तिथि से ये महापर्व शुरू हो जाता है। ऐसी मान्यता है कि छठ पूजा महाभारत और रामायण काल से ही मनाई जाती है। जानिए इस दिन का महत्व

महाभारत काल से मनाया जा रहा छठ
एक कथा के अनुसार, महाभारत काल में जब पांडव अपना सारा राजपाट जुए में हार गए तब द्रौपदी ने छठ व्रत किया। इससे उनकी मनोकामनाएं पूर्ण हुईं तथा पांडवों को राजपाट वापस मिल गया। एक अन्य मान्यता के अनुसार, छठ या सूर्य पूजा महाभारत काल से की जाती है। कहते हैं कि छठ पूजा की शुरुआत सूर्य पुत्र कर्ण ने की थी। कर्ण भगवान सूर्य के परम भक्त थे। मान्याताओं के अनुसार, वे प्रतिदिन घंटों कमर तक पानी में खड़े रहकर सूर्य को अर्घ्य देते थे। सूर्य की कृपा से ही वे महान योद्धा बने थे।

 

रामायण काल में माता सीता ने की थी छठ मईया की पूजा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, 14 वर्ष वनवास के बाद जब भगवान राम अयोध्या लौटे थे तो रावण वध के पाप से मुक्त होने के लिए ऋषि-मुनियों के आदेश पर राजसूय यज्ञ करने का फैसला लिया। इसके लिए मुग्दल ऋषि को आमंत्रण दिया गया था लेकिन मुग्दल ऋषि ने भगवान राम एवं सीता को अपने ही आश्रम में आने का आदेश दिया। ऋषि की आज्ञा पर भगवान राम एवं सीता स्वयं यहां आए और उन्हें इसकी पूजा के बारे में बताया गया। मुग्दल ऋषि ने मां सीता को गंगा छिड़क कर पवित्र किया एवं कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि को सूर्यदेव की उपासना करने का आदेश दिया। यहीं रह कर माता सीता ने छह दिनों तक सूर्यदेव भगवान की पूजा की थी।

Exit mobile version