Site icon Hindi Dynamite News

G-20 Summit Delhi: भारत की अध्यक्षता में अफ्रीकी संघ बना जी20 का स्थायी सदस्य, जानिये इसके मायने

अफ्रीकी संघ शनिवार को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के समूह जी20 का स्थायी सदस्य बन गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो दिवसीय जी20 शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए 55 देशों वाले अफ्रीकी संघ को नए सदस्य के तौर पर शामिल किए जाने की घोषणा की।पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
G-20 Summit Delhi: भारत की अध्यक्षता में अफ्रीकी संघ बना जी20 का स्थायी सदस्य, जानिये इसके मायने

नयी दिल्ली: अफ्रीकी संघ शनिवार को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के समूह जी20 का स्थायी सदस्य बन गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो दिवसीय जी20 शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए 55 देशों वाले अफ्रीकी संघ को नए सदस्य के तौर पर शामिल किए जाने की घोषणा की।

  डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक घोषणा के कुछ ही वक्त बाद कोमोरोस संघ के राष्ट्रपति और अफ्रीकी संघ (एयू) के अध्यक्ष अजाली असौमानी ने जी20 के स्थायी सदस्य के तौर पर आसन ग्रहण किया।

मोदी ने कहा, ‘‘सबका साथ की भावना को ध्यान में रखते हुए, भारत ने अफ्रीकी संघ को जी20 की स्थायी सदस्यता प्रदान किए जाने का प्रस्ताव पेश किया। मेरा विश्वास है कि हम सब इस प्रस्ताव पर सहमत हैं। आपकी सहमति से….।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अपना काम शुरू करने से पहले, मैं एयू के अध्यक्ष को स्थायी सदस्यता ग्रहण करने के लिए आमंत्रित करता हूं।’’

भारत पिछले कुछ वर्षों से खुद को विकासशील देशों खासतौर पर अफ्रीकी महाद्वीप की समस्याओं, चुनौतियों तथा आकांक्षाओं को आवाज देने में प्रमुख देश रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने जी20 में एयू की सदस्यता के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। जून में मोदी ने जी20 नेताओं को पत्र लिखकर नई दिल्ली में शिखर सम्मेलन के दौरान एयू को पूर्ण सदस्यता देने की वकालत की थी।

जुलाई में कर्नाटक के हम्पी में हुई तीसरी जी20 शेरपा बैठक के दौरान इस प्रस्ताव को औपचारिक रूप से शिखर सम्मेलन के लिए मसौदा विज्ञप्ति में शामिल किया गया था।

एयू अफ्रीकी महाद्वीप के 55 देशों का एक प्रभावशाली संगठन है।

इस माह की शुरुआत में दिए एक साक्षात्कार में मोदी ने कहा था कि अफ्रीका भारत के लिए ‘‘शीर्ष प्राथमिकता’’ है और वह वैश्विक मुद्दों पर उन्हें शामिल करने के लिए काम करता है, जिन्हें लगता है कि उनकी आवाज नहीं सुनी जा रही।

जी20 की स्थापना 1999 में की गई थी जिसमें भारत, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं।

 

Exit mobile version