मुल्लांपुर में हुए मुकाबले ने सबको हैरान कर दिया। टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने जिस तरह एक के बाद एक चौंकाने वाले बदलाव किए, उसने ना सिर्फ खिलाड़ियों को उलझाया बल्कि मैच का रूख भी पलट दिया। उनका हर फैसला मानों किसी बड़े प्रयोग का हिस्सा लग रहा था।

गंभीर का प्रयोग फेल (Img: Internet)
Chandigarh: मुल्लांपुर में हुए दूसरे T20 ने मानों कई सवालों को हवा दिया है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 51 रन की करारी शिकस्त के बाद सबसे बड़ा सवाल यही खड़ा हुआ कि हेड कोच गौतम गंभीर आखिर किस दिशा में टीम को ले जा रहे हैं। 214 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम 19.1 ओवर में सिर्फ 162 रन पर ढेर हो गई, और शुरुआत से ही ऐसा नहीं लगा कि टीम कभी मुकाबले में थी।
बल्लेबाजी में लगातार बदलाव, असामान्य बैटिंग ऑर्डर और गेंदबाजी में अजीब प्रयोग, इन सबने मिलकर मैच को ऐसे मोड़ दिया जहां भारत सिर्फ संघर्ष करता दिखा। मुल्लांपुर की यह हार सिर्फ एक मैच नहीं, गंभीर के नए प्रयोगों का गंभीर परिणाम भी दिखी।
South Africa win the 2nd T20I by 51 runs.#TeamIndia will aim to come back strongly in the 3rd T20I in Dharamshala.
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— BCCI (@BCCI) December 11, 2025
भारतीय गेंदबाजों ने मैच के आखिरी तीन ओवरों में 49 रन लुटाकर दक्षिण अफ्रीका को बड़ा स्कोर बनाने का मौका दिया। अर्शदीप सिंह सबसे महंगे साबित हुए, उन्होंने अपने चार ओवर में 54 रन खर्च किए और एक भी विकेट नहीं लिया। वहीं, जसप्रीत बुमराह भी अपनी लय नहीं पा सके और चार ओवर में 45 रन दे बैठे। डेथ ओवरों में ऐसी कमजोर गेंदबाजी ने मैच का रूख पूरी तरह से दक्षिण अफ्रीका की ओर मोड़ दिया।
रन चेज में कप्तान सूर्यकुमार यादव और उप-कप्तान शुभमन गिल का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। सूर्यकुमार सिर्फ 5 रन बनाकर पवेलियन लौट गए, जबकि गिल बिना खाता खोले आउट हुए। इससे पहले कटक में खेले गए पहले T20 में भी दोनों खिलाड़ी फ्लॉप रहे थे, गिल ने 4 और सूर्यकुमार ने 12 रन बनाए थे। शीर्ष क्रम की ऐसी नाकामी ने टीम को दबाव में डाल दिया।
शुभमन गिल के शुरुआती ओवर में आउट होते ही हेड कोच गौतम गंभीर ने अक्षर पटेल को नंबर 3 पर उतारकर सभी को चौंका दिया। यह लेफ्ट-राइट कॉम्बिनेशन की रणनीति भी नहीं थी, क्योंकि उस समय अभिषेक शर्मा पहले से ही क्रीज पर मौजूद थे। अक्षर रन बनाने के लिए संघर्ष करते दिखे और उन्होंने 21 गेंदों पर 21 रन बनाए। उनकी धीमी बल्लेबाजी ने भारत की रन गति को काफी पीछे धकेल दिया और दबाव लगातार बढ़ता गया।
दूसरा चौंकाने वाला फैसला था शिवम दुबे को आठवें नंबर पर भेजना। दुबे को तीसरे या चौथे नंबर पर भेजना तर्कसंगत होता, लेकिन 18वें ओवर तक उनका इंतजार करना बल्लेबाजी क्रम की बड़ी गलती साबित हुई। जब दुबे क्रीज पर आए, तब तक मैच भारत के हाथ से निकल चुका था और उनके पास असरदार प्रदर्शन करने का मौका भी नहीं बचा।
हालांकि भारत हार गया, लेकिन तिलक वर्मा ने 62 रनों की बेहतरीन पारी खेलकर टीम को शर्मनाक हार से बचाया। उनकी यह पारी टीम के लिए सकारात्मक पहलू रही और भविष्य के लिए उम्मीद जगाती है।
2026 T20 वर्ल्ड कप में अब ज्यादा समय नहीं बचा है। यह टूर्नामेंट भारत और श्रीलंका में 7 फरवरी से शुरू होगा। ऐसे में भारतीय टीम मैनेजमेंट को बार-बार किए जाने वाले एक्सपेरिमेंट से बचना होगा और एक स्थिर, मजबूत प्लेइंग कॉम्बिनेशन बनाना होगा।