बेंगलुरु: रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की जीत के बाद आयोजित विक्ट्री परेड में हुई भगदड़ की घटना ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। इस दिल दहला देने वाली दुर्घटना में 11 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए। इस मामले में RCB मैनेजमेंट, कर्नाटक क्रिकेट संघ (KSCA) और BCCI ने जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया, जिसके बाद सरकार और अदालत को हस्तक्षेप करना पड़ा।
कर्नाटक सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, अब कर्नाटक सरकार ने इस पर बड़ा कदम उठाते हुए एक सख्त कानून लाने की तैयारी कर ली है।
कर्नाटक सरकार ने ‘कर्नाटक भीड़ नियंत्रण विधेयक 2025’ (Karnataka Crowd Control Bill, 2025) का मसौदा तैयार किया है, जिसे आज (6/19/2025) कैबिनेट बैठक में चर्चा के लिए पेश किया गया। उम्मीद जताई जा रही है कि इसे अगली बैठक में मंजूरी मिल जाएगी। इस कानून का उद्देश्य है—बड़े सार्वजनिक आयोजनों में नियंत्रण स्थापित करना और भविष्य में ऐसी भगदड़ की घटनाओं को रोकना।
आयोजक को मिल सकती है इतनी बड़ी सजा
नए विधेयक के तहत यदि कोई आयोजन बिना अनुमति किया जाता है या तय मानकों का उल्लंघन होता है, तो आयोजक को 3 साल की जेल और ₹5,000 तक का जुर्माना लग सकता है। खासकर खेल, सर्कस या बड़े सार्वजनिक कार्यक्रमों के इवेंट प्लानर्स के लिए कानून और भी सख्त होगा—अनुमति न लेने, व्यवस्था बिगड़ने या क्षतिपूर्ति न करने पर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना और जेल हो सकती है।
अगर किसी आयोजन की लापरवाही से जान या चोट होती है, तो इसे ‘गंभीर अपराध’ की श्रेणी में रखा जाएगा। सभी अपराध गैर-जमानती और गैर-संज्ञेय होंगे, जिनकी सुनवाई प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की अदालत में होगी।
हालांकि, यह कानून धार्मिक आयोजनों जैसे रथ यात्राएं, पालकी उत्सव, उर्स, और मेलों पर लागू नहीं होगा। सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि परंपरागत धार्मिक आयोजनों को इस कानून से छूट दी जाएगी।
RCB परेड में मची भगदड़ के बाद तैयार किए गए इस कानून ने इवेंट इंडस्ट्री में खलबली मचा दी है। सरकार का कहना है कि अब से कोई भी सार्वजनिक आयोजन “भीड़” नहीं, “व्यवस्थित सभा” कहलाएगा—वरना अंजाम गंभीर होंगे।

