नए साल से पहले माता वैष्णो देवी जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए अहम खबर है। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रा नियमों में बदलाव करते हुए 24 घंटे के भीतर दर्शन और वापसी अनिवार्य कर दी है। RFID कार्ड जारी होने के बाद तय समय में यात्रा शुरू करना जरूरी होगा। ये नियम पैदल, हेलिकॉप्टर और रोपवे से आने वाले सभी यात्रियों पर लागू होंगे।

नए साल की शुरुआत पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां दुर्गा का आशीर्वाद लेने माता वैष्णो देवी के दरबार पहुंचते हैं। यह धाम पूरे साल आस्था और श्रद्धा का केंद्र बना रहता है। (Img Source: Google)
श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ती भीड़ को देखते हुए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रा नियमों में अहम बदलाव किया है। ये नए नियम सभी यात्रियों पर लागू होंगे। (Img Source: Google)
नए दिशानिर्देशों के अनुसार RFID यात्रा कार्ड जारी होने के बाद भक्तों को 10 घंटे के भीतर यात्रा शुरू करनी होगी। दर्शन के बाद 24 घंटे के अंदर कटड़ा बेस कैंप लौटना अनिवार्य होगा। (Img Source: Google)
यह नियम पैदल यात्रा, हैलिकॉप्टर, पालकी और रोपवे से आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए समान रूप से लागू किए गए हैं। नियमों का पालन न करने पर यात्रा बाधित हो सकती है। (Img Source: Google)
वैष्णो देवी का मंदिर लगभग 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा के बाद पहुंचा जाता है। इस मार्ग में बाणगंगा, अर्द्धकुंवारी और सांझी छत जैसे कई पवित्र स्थल आते हैं। (Img Source: Google)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अर्द्धकुंवारी गुफा में मां ने कन्या रूप में तपस्या की थी। यह स्थान भक्तों के लिए विशेष आस्था रखता है। (Img Source: Google)
प्राचीन गुफा का महत्व इसलिए भी है क्योंकि मान्यता है कि यहीं भैरव का शरीर स्थित है। कथा के अनुसार मां ने यहीं भैरव का संहार किया था। (Img Source: Google)