Patna: बिहार में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे सियासी पारा भी चढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा घोषित फ्री बिजली योजना पर अब उनके ही गठबंधन सहयोगी राज्य उत्तर प्रदेश से तंज कस दिया गया है। यूपी के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने बिहार की योजना पर चुटकी लेते हुए कहा – “ना बिजली आएगी, ना बिल आएगा।”
सूत्रों के अनुसार, यह टिप्पणी न केवल राजनीतिक कटाक्ष थी, बल्कि इसके जरिए शर्मा ने ग्रामीण इलाकों में बिजली की स्थिति और मुफ्त योजनाओं की व्यावहारिकता पर सवाल खड़े कर दिए। उनका कहना था कि जब बिजली आपूर्ति ही नियमित नहीं है, तो मुफ्त बिजली का वादा “वोट बटोरने का झुनझुना” बन जाता है।
गठबंधन के भीतर उठते सियासी सवाल
गौर करने वाली बात यह है कि उत्तर प्रदेश और बिहार दोनों राज्य राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा हैं। ऐसे में एक राज्य के मंत्री द्वारा दूसरे राज्य की सरकार की योजना पर इस तरह से सार्वजनिक तंज कसना, गठबंधन के भीतर के मतभेदों की ओर संकेत करता है। क्या यह केवल व्यक्तिगत राय थी, या कहीं यह बयान NDA के भीतर बिहार की नीतियों को लेकर गहरे असंतोष की झलक है?
नीतीश का बड़ा दांव: 125 यूनिट मुफ्त बिजली
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में ऐलान किया कि 1 अगस्त 2025 से राज्य के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को हर माह 125 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी। इस योजना का लाभ करीब 1.67 करोड़ परिवारों को मिलेगा। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब राज्य चुनावी मोड में है, और यह साफ तौर पर मिडल क्लास और ग्रामीण वोटरों को साधने की कोशिश मानी जा रही है।
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चुनावी वादे या जमीनी सच्चाई?
इस राजनीतिक गर्मी के बीच असली सवाल यह है कि क्या ये घोषणाएं चुनावी रणनीति भर हैं, या वास्तव में इनका क्रियान्वयन संभव है? यूपी के मंत्री के बयान ने नीतीश सरकार के इस वादे को लेकर संदेह की हवा जरूर बना दी है।
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