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Why the Constitution Matters: पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की पहली किताब की लॉंचिंग जल्द, जानिये खास बातें

कई ऐतिहासिक फैसले सुनाने वाले देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ अब अपनी पहली किताब के साथ सामने आने वाले है। इस किताब में उन्होंने संविधान की प्रासंगिकता पर व्यापक और विस्तारित बातचीत की है।
Post Published By: Poonam Rajput
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Why the Constitution Matters: पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की पहली किताब की लॉंचिंग जल्द, जानिये खास बातें

New Delhi: सुप्रीम कोर्ट में ऐतिहासिक फैसले सुनाकर देश के न्यायिक क्षेत्र में उच्च आदर्श स्थापित करने वाले भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ अब अपनी पहली किताब के साथ देशवासियों से रूबरू होने वाले हैं। डीवाई चंद्रचूड़ ने ‘Why the Constitution Matters’ नाम की इस किताब में अपने जीवन के 25 वर्षों की कानूनी और न्यायिक यात्रा को विस्तार से लिखा है। इसके साथ ही संविधान की व्यापकता पर भी अपनी कलम चलाई है।

प्रकाशक पेंगुइन रैंडम हाउस ने शुक्रवार को पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ की किताब ‘Why the Constitution Matters’ का टाइटल प्रोमो रिलीज किया। पेंगुइन के मुताबिक इस महीने के अंत में चंद्रचूड़ की पुस्तक “व्हाई द कॉन्स्टिट्यूशन मैटर्स” प्रकाशित होगी।

अपनी पहली पुस्तक को लेकर पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ ने एक बयान में कहा कि उनकी इस पुस्तक में इस बात का एक सशक्त तर्क प्रस्तुत किया गया है कि संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज़ ही नहीं, बल्कि भारत में लोकतंत्र, न्याय और समानता का आधार भी है।

पूर्व सीजेआई ने कहा कि उनकी यह पुस्तक विधि और न्याय के क्षेत्र में उनके 25 वर्षों के सफ़र को समेटे हुए है। यह किताब प्रत्येक नागरिक से हमारे संविधान की सच्ची भावना को समझने का एक आह्वान है और पाठकों को संविधान में निहित मूल्यों की समझ प्रदान करती है।

जानकारी के मुताबिक “व्हाई द कॉन्स्टिट्यूशन मैटर्स” में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने राष्ट्र की पहचान और शासन को आकार देने में संविधान के गहन महत्व पर प्रकाश डाला है। यह ज्ञानवर्धक पुस्तक पाठकों को मौलिक अधिकारों की रक्षा, नागरिकों को न्याय सुनिश्चित करने और कानून के शासन को बनाए रखने में संविधान की भूमिका की समझ पैदा करती है।

प्रकाशक पेंगुइन रैंडम हाउस ने इस पुस्तक के प्रोमो के साथ लिखा है ‘लेखक न्यायाधीश इस किताब में अपने पच्चीस वर्षों के अनुभव को सामने लाते हैं, जिससे जटिल संवैधानिक सिद्धांतों को कानूनी पेशेवरों और आम नागरिकों को सुलभ बनाया जा सके। रोचक कथाओं और वास्तविक जीवन के उदाहरणों के माध्यम से वे (चंद्रचूड़) बताते हैं कि संविधान रोज़मर्रा के जीवन को कैसे प्रभावित करता है और यह लोकतंत्र की आधारशिला क्यों बना हुआ है।

प्रकाशक ने इस पुस्तक के संबंध में लिखा है कि यह पुस्तक लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, बहुलवाद, लिंग, पर्यावरणीय शासन, असहमति और आधुनिक भारत को आकार देने वाले ऐतिहासिक निर्णयों जैसे विषयों को शामिल करती है।

प्रकाशक पेंगुइन ने लिखा है कि यह पुस्तक केवल कानूनी विद्वानों के लिए ही नहीं है; यह उन सभी के लिए अवश्य पढ़ने योग्य है जो लोकतंत्र, न्याय और कानून के शासन को महत्व देते हैं।

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