New Delhi: भारत में मुख्यमंत्री पद संभालने वाले नेताओं की संपत्ति और आपराधिक पृष्ठभूमि को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और नेशनल इलेक्शन वॉच (NEW) द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू देश के सबसे अमीर मुख्यमंत्री हैं। उनके पास 931 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है, जो देश के कुल 30 मुख्यमंत्रियों की कुल संपत्ति का लगभग 57% है। वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास सबसे कम संपत्ति है। उनके पास सिर्फ 15.38 लाख रुपए की चल संपत्ति है। ममता के पास किसी प्रकार की अचल संपत्ति नहीं है।
चंद्रबाबू नायडू की संपत्ति का ब्योरा
- चल संपत्ति: ₹810 करोड़ (कैश, निवेश, आभूषण आदि)
- अचल संपत्ति: ₹121 करोड़ (भूमि, मकान आदि)
- कर्ज: ₹10 करोड़
वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी देश की सबसे गरीब मुख्यमंत्री के तौर पर सामने आई हैं। उनके पास सिर्फ 15.38 लाख रुपये की चल संपत्ति है। उनके पास कोई अचल संपत्ति नहीं है, जो उन्हें बाकी मुख्यमंत्रियों में सबसे न्यूनतम संपत्ति वाला नेता बनाता है।
टॉप 3 सबसे अमीर मुख्यमंत्री
- चंद्रबाबू नायडू (आंध्र प्रदेश): ₹931 करोड़
- पेमा खांडू (अरुणाचल प्रदेश): ₹332 करोड़
- सिद्धारमैया (कर्नाटक): ₹51 करोड़
पेमा खांडू सबसे ज्यादा कर्जदार
हालांकि संपत्ति के मामले में दूसरे स्थान पर होने के बावजूद अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू पर ₹180 करोड़ से अधिक का कर्ज है, जो उन्हें देश का सबसे कर्जदार मुख्यमंत्री बनाता है।
- सबसे कम संपत्ति वाले मुख्यमंत्री (ममता बनर्जी को छोड़कर)
- उमर अब्दुल्ला (जम्मू-कश्मीर): ₹55.24 लाख की चल संपत्ति
- पिनराई विजयन (केरल): ₹1.18 करोड़ (31.8 लाख चल, 86.95 लाख अचल)
40 प्रतिशत मुख्यमंत्रियों पर आपराधिक मामले
इस रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि 30 में से 12 मुख्यमंत्री (40%) आपराधिक मामलों में आरोपी हैं। इनमें से 10 मुख्यमंत्रियों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जैसे कि हत्या की कोशिश, अपहरण, और भ्रष्टाचार।
सबसे ज्यादा मुकदमे
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी पर 89 आपराधिक मुकदमे दर्ज
यह रिपोर्ट ऐसे समय में सामने आई है जब केंद्र सरकार ने तीन महत्वपूर्ण विधेयक संसद में पेश किए हैं, जिनमें कहा गया है कि अगर किसी मुख्यमंत्री या मंत्री को गंभीर अपराध में 30 दिन की हिरासत में लिया जाता है, तो उसे पद के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है।