New Delhi: सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार, 29 अगस्त 2025 को दो नए जजों ने पदभार संभाला। चीफ जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली को शपथ दिलाई। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में 34 जजों के लिए स्वीकृत पदों में से दो खाली थे, जो अब भर गए हैं। यह नियुक्तियां कोर्ट की कार्यक्षमता और न्याय वितरण में वृद्धि के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं।
जज आलोक अराधे और जज विपुल पंचोली का परिचय
सूत्रों के अनुसार, जस्टिस आलोक अराधे वर्तमान में बॉम्बे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस थे और मूल रूप से मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से हैं। वहीं, जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस थे, जिनका मूल गुजरात हाई कोर्ट है। विशेषज्ञों का मानना है कि जस्टिस पंचोली के भविष्य में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बनने की संभावना है। वे जस्टिस जोयमाल्या बागची के रिटायर होने के बाद 3 अक्टूबर 2031 को चीफ जस्टिस बन सकते हैं और उनका कार्यकाल 27 मई 2032 तक रहेगा।
जस्टिस पंचोली की नियुक्ति पर विवाद
जस्टिस पंचोली की नियुक्ति कुछ विवादों के बीच हुई। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सदस्य जस्टिस बी वी नागरत्ना ने उनकी नियुक्ति पर असहमति जताई। उनका तर्क था कि गुजरात हाई कोर्ट से पहले से सुप्रीम कोर्ट में एक अन्य जज, जस्टिस जे बी पारडीवाला मौजूद हैं, जो भविष्य में चीफ जस्टिस भी बनेंगे। इस वजह से क्षेत्रीय असंतुलन का खतरा है।
सिनियरिटी और महिला जजों की उपेक्षा पर आपत्ति
जस्टिस नागरत्ना ने यह भी कहा कि जस्टिस पंचोली की वरिष्ठता क्रम में कई जज उनसे आगे हैं, और कई वरिष्ठ महिला जजों को नजरअंदाज कर उनकी नियुक्ति की सिफारिश की गई। उन्होंने 2023 में जस्टिस पंचोली के गुजरात से पटना हाई कोर्ट ट्रांसफर के दौरान हुए विवाद का भी उल्लेख किया।
BWF World Championship 2025: 5 भारतीय सितारे सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए तैयार, होगी शानदार टक्कर
सुप्रीम कोर्ट में नियुक्तियों का महत्व
हालांकि विवाद के बावजूद जस्टिस पंचोली और जस्टिस अराधे की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि अब कोर्ट में सभी पद भरे हैं। ये नियुक्तियां न्यायिक प्रक्रिया को तेज करने और न्यायालय की कार्यक्षमता बढ़ाने में सहायक होंगी।
Jewar Airport अब आपके सफर को बनाएगा और भी खास, जानिए इन नई सुविधाओं के बारे में