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Raksha Bandhan: रक्षाबंधन पर राखी बांधने का यह है शुभ मुहूर्त, ऐसे मनाएं यह त्योहार

रक्षाबंधन का त्योहार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस बार भाई-बहन के बीच प्रेम के इस त्योहार को शनिवार, 9 अगस्त को मनाया जाएगा।
Post Published By: Jay Chauhan
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Raksha Bandhan: रक्षाबंधन पर राखी बांधने का यह है शुभ मुहूर्त, ऐसे मनाएं यह त्योहार

नई दिल्ली: रक्षाबंधन का त्योहार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल रक्षाबंधन का पर्व शनिवार, 9 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाई की रक्षा के लिए उनके कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और उनके लिए मंगलकामनाएं करती हैं।

इसके बदले भाई अपनी बहन को उसकी रक्षा का वचन देते हैं। इस साल रक्षाबंधन का त्योहार भद्रा काल के साए से मुक्त रहेगा। ऐसे में भाई की कलाई पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह से लेकर दोपहर तक रहने वाला है।

रक्षाबंधन पर भाई को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 9 अगस्त को सुबह 05 बजकर 47 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 24 मिनट तक रहने वाला है। यानी भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधने के लिए बहनों को करीब 7 घंटे 37 मिनट का समय मिलने वाला है।

जानकारी के अनुसार सावन पूर्णिमा पर इस बार भी भद्रा का साया रहेगा. लेकिन 9 अगस्त को रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त शुरू होने से पहले ही भद्रा का साया समाप्त हो जाएगा. सावन पूर्णिमा पर भद्रा 8 अगस्त को दोपहर 02.12 बजे से 9 अगस्त को देर रात 01.52 बजे तक रहेगी।

ऐसे बांधे अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र

रक्षाबंधन के दिन स्नानादि के बाद साफ-सुथरे वस्त्र पहनें और अपने ईष्टदेव को याद करते हुए एक थाली में रोली, चंदन, अक्षत, दही, राखी और मिठाई रखें। थाली में एक घी का दीपक भी रखें जिससे भाई की आरती करें।

सबसे पहले इस थाली से भगवान की पूजा करें। इसके बाद भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करवाकर बैठाएं. रक्षासूत्र बंधने के समय भाई या बहन का सिर खुला नहीं होना चाहिए. इसलिए बहन के सिर पर चुनरी और भाई के सिर पर एक स्वच्छ वस्त्र या रुमाल जरूर होना चाहिए।

इसके बाद भाई के माथे पर तिलक लगाएं और फिर रक्षा सूत्र बांधें। इसके बाद भाई की आरती करें। फिर मिठाई खिलाकर भाई की मंगल कामना करें। राखी बंधवाने के बाद माता-पिता और गुरु का आशीर्वाद लें। इसके बाद बहन को सामर्थ्य के अनुसार उपहार दें। उपहार में ऐसी वस्तुएं दें जो दोनों के लिए मंगलकारी हों।

 

 

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