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इजरायल-ईरान तनाव का भारतीयों पर असर, इन जगहों पर छिपकर रह रहे हैं यूपी और हरियाणा के युवक

इजरायल और ईरान के बीच तनाव बढ़ते तनाव की वजह से भारतीय नागरिकों पर क्या असर पड़ रहा है? जानने के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
Post Published By: Jaya Pandey
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इजरायल-ईरान तनाव का भारतीयों पर असर, इन जगहों पर छिपकर रह रहे हैं यूपी और हरियाणा के युवक

नई दिल्ली: इजरायल और ईरान के बीच लगातार बढ़ते सैन्य तनाव का सीधा असर अब वहां रह रहे भारतीय नागरिकों की जिंदगी पर पड़ने लगा है। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत, आजमगढ़ और हरियाणा के पानीपत से काम की तलाश में इजरायल गए भारतीय युवक इन दिनों हाईफा शहर में जान बचाने के लिए बंकरों में रहने को मजबूर हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक पीलीभीत जिले के रहने वाले करन नाम के युवक ने बताया कि वह एक साल पहले रोजगार के उद्देश्य से इजरायल गए थे और इस समय हाईफा शहर की एक फैक्ट्री में काम कर रहे हैं। उनके साथ लगभग 50 अन्य भारतीय भी वहीं कार्यरत हैं।

क्या है वहां की स्थिति

वहां मौजूद लोगों ने बताया कि जैसे ही ईरान की ओर से मिसाइल हमले की आशंका होती है या कोई मिसाइल इजरायली सीमा में प्रवेश करती है, शहर में तेज सायरन बजने लगता है। इसके बाद कुछ ही मिनटों के भीतर सभी लोगों को सुरक्षित बंकरों में शरण लेनी पड़ती है। यह बंकर जमीन के अंदर बने होते हैं और इन्हें विशेष रूप से युद्ध या आपात स्थितियों के लिए तैयार किया गया है।

बंद गये सभी काम

करन बताते हैं कि कई फैक्ट्रियों ने सुरक्षा कारणों से फिलहाल काम बंद कर दिया है। वहां की सरकार ने सभी मजदूरों और कर्मचारियों को सतर्क रहने और निर्धारित सुरक्षित स्थानों पर रहने की सख्त हिदायत दी है। दिन-रात बमबारी और सायरनों की आवाज से लोग मानसिक तनाव और भय के माहौल में जी रहे हैं।

भारतीयों के लिए रोजगार

हाईफा जैसे शहरों में, जहां सामान्य दिनों में भारतीयों के लिए रोजगार और जीवन के अच्छे अवसर माने जाते थे, अब वहां दहशत और असुरक्षा का माहौल है। भारतीय दूतावास भी लगातार संपर्क में है और नागरिकों को जरूरी सलाह और सहायता दे रहा है।

रेस्क्यू ऑपरेशन की घोषणा

भारत सरकार की ओर से अभी तक किसी विशेष रेस्क्यू ऑपरेशन की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन परिजनों ने मांग की है कि सरकार जल्द से जल्द इन भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लौटने की व्यवस्था करे। यह संकट न केवल भारतीय कामगारों की सुरक्षा को चुनौती दे रहा है, बल्कि उनके परिवारों को भी गहरी चिंता में डाल रहा है। भारत के लिए यह एक कूटनीतिक और मानवीय चुनौती बनती जा रही है, जिसे गंभीरता से उठाया जाना जरूरी है।

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