इंडिगो की उड़ानें रद्द होने से दिल्ली IGI एयरपोर्ट पर भारी अव्यवस्था पैदा हो गई। अन्य एयरलाइंस ने किराए कई गुना बढ़ा दिए और टैक्सी चालकों ने भी यात्रियों से मनमानी वसूली की। टर्मिनल-3 पर गेट बंद होने से हजारों लोग घंटों फंसे रहे।

इंडिगो उड़ानें
New Delhi: दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (IGI) एयरपोर्ट पर इंडिगो की सभी उड़ानें रद्द होने के बाद यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। गंतव्य तक समय से न पहुंच पाने की समस्या तो थी ही, इसके साथ एयरलाइंस द्वारा मनमाना किराया बढ़ाने और बाहर टैक्सी चालकों की अव्यवस्था ने स्थिति को और बदतर बना दिया। सबसे अधिक असर देश के सबसे व्यस्त रूट दिल्ली से मुंबई पर देखने को मिला, जहां टिकट किराया रातोंरात आसमान छू गया।
मंगलवार रात से बुधवार सुबह तक इंडिगो की सभी उड़ानें रद्द होने की घोषणा ने हजारों यात्रियों को अचानक संकट में डाल दिया। कई यात्रियों के पास जरूरी कार्यक्रम, मीटिंग, बिजनेस ईवेंट या पारिवारिक कारणों से फ्लाइट पकड़नी थी। इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के बाद यात्रियों ने अन्य एयरलाइंस में टिकट तलाशना शुरू किया, लेकिन स्थिति और बिगड़ गई। मांग बढ़ने का फायदा उठाते हुए कई एयरलाइंस ने किराया 2 से 3 गुना तक बढ़ा दिया।
एयरलाइंस द्वारा किराया बढ़ाने की शिकायतों पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने सख्त प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सभी एयरलाइंस को स्पष्ट निर्देश दिए कि संकट के समय किराए को बढ़ाना अनुचित और गैर–जिम्मेदाराना कदम है। सरकार ने संकेत दिया है कि अगर कोई एयरलाइन किराए में मनमानी बढ़ोतरी करती है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई, यहां तक कि भारी जुर्माना भी लगाया जाएगा। मंत्री ने कहा कि यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाना बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एयरलाइंस तुरंत किराया नियंत्रण में लाएं।
एयरपोर्ट के अंदर उड़ानों की समस्या थी तो बाहर टैक्सी और कैब चालकों की। यात्रियों ने बताया कि टैक्सी ड्राइवरों ने हालात का फायदा उठाते हुए किराया कई गुना बढ़ा दिया। टी-3 से टी-2 तक जाने के लिए जहां सामान्य दिनों में 200-300 रुपये लगते हैं, वहां ड्राइवरों ने 800-1000 रुपये की मांग शुरू कर दी। द्वारका, गुरुग्राम या सेंट्रल दिल्ली जाने का किराया भी 400-700 रुपये से बढ़कर रातोंरात 1500-2000 रुपये तक पहुंच गया। दिल्ली पुलिस और एयरपोर्ट अथॉरिटी को भी कई शिकायतें मिली हैं कि टैक्सियों ने मीटर का इस्तेमाल करने से इनकार किया और “फिक्स रेट” बताकर ही यात्रियों को ले जाने की कोशिश की।
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आईजीआई एयरपोर्ट, जिसे देश का सबसे आधुनिक और विश्वस्तरीय एयरपोर्ट कहा जाता है, बुधवार सुबह किसी लोकल बस स्टैंड जैसा दिखने लगा। यात्रियों ने बताया कि अचानक मीडिएटर टर्मिनल के सभी बाहर निकलने वाले गेट बंद कर दिए गए, जिसके चलते हजारों लोग अंदर ही फंस गए। किसी को समझ नहीं आ रहा था कि बाहर कैसे जाना है। टैक्सी, कैब, ऑटो किसी तक पहुंचने का रास्ता नहीं था। लोग इधर–उधर भटकते रहे और सहायता मांगते रहे, लेकिन एयरपोर्ट अधिकारियों की ओर से शुरू में कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला।
• यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं की गई?
• एयरलाइंस किराया बढ़ाने में किस आधार पर मनमानी कर सकती हैं?
• एयरपोर्ट अथॉरिटी ने भीड़ नियंत्रण और गेट प्रबंधन को लेकर तैयारी क्यों नहीं की?
• टैक्सी और कैब चालकों की लूटखसोट पर तुरंत कार्रवाई क्यों नहीं हुई?