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Independence Day Special: कौन था दिल्ली का पहला कोतवाल, स्वतंत्रता दिवस पर जानिए Delhi Police का रोचक इतिहास

15 अगस्त 2025 को भारत देश का 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। इस अवसर पर दिल्ली पुलिस के ऐतिहासिक योगदान को भी याद किया जाएगा। दिल्ली पुलिस की स्थापना 1948 में हुई थी और इसका इतिहास बेहद रोचक है।
Post Published By: Mayank Tawer
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Independence Day Special: कौन था दिल्ली का पहला कोतवाल, स्वतंत्रता दिवस पर जानिए Delhi Police का रोचक इतिहास

New Delhi: भारत देश का 78वां स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को पूरे हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस खास मौके पर दिल्ली पुलिस का इतिहास एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। दिल्ली देश की राजधानी है। दिल्ली ने आजादी के आंदोलन और उसके बाद की घटना में अहम भूमिका निभाई है। दिल्ली पुलिस का इतिहास बेहद रोचक है।

कौन था दिल्ली पुलिस का पहला कोतवाल

आजादी से पहले दिल्ली पुलिस का इतिहास बेहद दिलचस्प है। दिल्ली का पहला कोतवाल मलिक उल उमरा फकरुद्दीन था। जिसे महज 40 साल की उम्र में 1237 ईस्वी में नियुक्त किया गया था। इतिहासकार बताते है कि मलिक बेहद ईमानदार थे। अपनी ईमानदारी के कारण उन्होंने दिल्ली पुलिस में महत्वपूर्ण बदलाव किए। वह लंबे वक्त तक इस पद पर बने रहे और दिल्ली पुलिस की नींव रखी। पहले दिल्ली पुलिस का मुख्यालय कश्मीरी गेट पर था।

दिल्ली में पहले थे केवल 2 इंस्पेक्टर

दिल्ली पुलिस की स्थापना 16 फरवरी 1948 को की गई थी और उस समय दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पहले ‘इंस्पेक्टर जनरल’ के नाम से जाना जाता था। आजादी से पहले और स्वतंत्रता के बाद दिल्ली पुलिस में कई बड़े बदलाव हुए। एक समय था जब दिल्ली में केवल दो निरीक्षक, 27 उप-निरीक्षक, 110 मुख्य आरक्षी, 985 पैदल आरक्षी और 28 सवार हुआ करते थे। लेकिन समय के साथ-साथ दिल्ली की जनसंख्या बढ़ी, और दिल्ली पुलिस की संख्या भी बढ़ती गई।

दिल्ली के अंतिम कोतवाल थे पंडित जवाहरलाल नेहरू के दादा

इतिहासकार बताते है कि दिल्ली के अंतिम कोतवाल का नाम गंगाधर नेहरू था, जो स्वतंत्रता संग्राम के पहले युद्ध के शुरू होने से पहले दिल्ली के कोतवाल बने थे। गंगाधर नेहरू कोई और नहीं बल्कि पंडित मोतीलाल नेहरू के पिता और भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के दादा थे। दिलचस्प बात यह है कि पंडित जवाहरलाल नेहरू के दादा दिल्ली के अंतिम कोतवाल थे।

न्यायमूर्ति जीडी खोसला की अहम जिम्मेदारी

जैसे-जैसे दिल्ली की जनसंख्या बढ़ी, वैसे-वैसे दिल्ली पुलिस की संख्या भी बढ़ती गई। वर्ष 1966 में दिल्ली पुलिस के समक्ष आने वाली समस्याओं पर विचार करने के लिए न्यायमूर्ति जीडी खोसला की अध्यक्षता में दिल्ली पुलिस आयोग का गठन किया गया। इसके बाद दिल्ली पुलिस का पुनर्गठन हुआ और चार पुलिस जिलों उत्तर, मध्य, दक्षिण और नई दिल्ली का गठन किया गया। 1 जुलाई 1978 से दिल्ली पुलिस में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू कर दी गई।

लंदन, पेरिस और न्यूयॉर्क से भी बड़ी दिल्ली पुलिस

लंदन, पेरिस, न्यूयॉर्क और टोक्यो से भी बड़ी आज दिल्ली पुलिस है। वर्तमान में दिल्ली पुलिस की स्वीकृत संख्या 83,762 है। इसमें 15 जिले, 6 रेंज और 209 पुलिस स्टेशन शामिल हैं।

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