New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से अपने ऐतिहासिक संबोधन के दौरान देश के युवाओं को एक बड़ी सौगात दी। उन्होंने “विकसित भारत रोजगार योजना” की घोषणा करते हुए बताया कि यह योजना 15 अगस्त 2025 से पूरे देश में लागू होगी। इस योजना का उद्देश्य है युवाओं को पहली नौकरी में आर्थिक सहायता प्रदान करना और निजी क्षेत्र में रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करना।
इस योजना के अंतर्गत पहली बार नौकरी करने वाले युवाओं को ₹15,000 की सीधी वित्तीय सहायता दी जाएगी। साथ ही उन कंपनियों को भी लाभ मिलेगा जो फ्रेशर्स को नियुक्त करेंगी। उन्हें प्रति नए कर्मचारी ₹3,000 तक की प्रोत्साहन राशि केंद्र सरकार द्वारा दी जाएगी।
सरकार इस योजना को पहले Employment Linked Incentive (ELI) के नाम से लॉन्च करने वाली थी, लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर “विकसित भारत रोजगार योजना” रखा गया। इस योजना का संचालन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा किया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि लाभार्थियों को समय पर सहायता प्राप्त हो।
योजना के मुख्य लाभ
- पहली बार नौकरी करने वाले युवाओं को ₹15,000 की आर्थिक सहायता।
- फ्रेशर्स को नियुक्त करने वाली कंपनियों को प्रति कर्मचारी ₹3,000 तक प्रोत्साहन राशि।
- 99,446 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।
- आगामी 2 वर्षों में 3.5 करोड़ नई नौकरियों के सृजन का लक्ष्य।
योजना के प्रमुख उद्देश्य
इस योजना के जरिए सरकार रोजगार सृजन को बढ़ावा, मेक इन इंडिया को मजबूती और MSME सेक्टर को सपोर्ट देना चाहती है। खासकर 18 से 35 वर्ष के युवाओं को स्किल डेवेलपमेंट और रोजगार के अवसर देकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना इसका मुख्य उद्देश्य है। योजना के तहत मैन्युफैक्चरिंग, सर्विसेज और टेक्नोलॉजी सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
किन पर रहेगा फोकस
- पहली बार नौकरी करने वाले फ्रेशर्स
- छोटे और मझोले उद्योग (MSMEs)
- मैन्युफैक्चरिंग और तकनीकी क्षेत्र के नियोक्ता
- सामाजिक सुरक्षा जैसे पेंशन और बीमा को बढ़ावा देना