गोवा के बर्च बाय रोमियो क्लब आग हादसे में 25 लोगों की मौत के बाद आरोपी अजय गुप्ता को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। अस्पताल में भर्ती होकर वह गिरफ्तारी से बचने की कोशिश कर रहा था। पुलिस अब उसे ट्रांजिट रिमांड पर गोवा ले जाएगी।

गोवा क्लब अग्निकांड केस में बड़ा खुलासा (img source: google)
New Delhi: गोवा के बर्च बाय रोमियो लेन नाइट क्लब में 7 दिसंबर को लगी भीषण आग में 25 लोगों की मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया था। हादसे के बाद क्लब के मालिकों और साझेदारों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है। इसी कड़ी में इस मामले में एक अहम आरोपी अजय गुप्ता को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। वह लाजपत नगर के एक निजी अस्पताल में स्पाइन की बीमारी का हवाला देकर भर्ती हुआ था, ताकि गिरफ्तारी से बच सके।
गोवा पुलिस और दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीम मंगलवार को अस्पताल पहुंची और मेडिकल औपचारिकताएं पूरी कर अजय गुप्ता को क्राइम ब्रांच के सनलाइट कॉलोनी कार्यालय ले आई। इस दौरान मीडिया से पूछे गए सवालों का जवाब देने से अजय ने परहेज किया और केवल इतना कहा कि वह “स्लीपिंग पार्टनर” था और उसे संचालन से जुड़ी गतिविधियों की जानकारी नहीं थी।
जारी हुए GST दस्तावेजों से साफ हुआ है कि अजय गुप्ता, क्लब मालिक लूथरा बंधुओं के साथ पार्टनर था। अजय, उत्तर दिल्ली के नामी बिल्डर अमित गुप्ता का भाई है। दो साल पहले गोगी गैंग ने अमित गुप्ता की बुराड़ी में गोली मारकर हत्या कर दी थी। बाद में खुलासा हुआ कि अमित कई बड़े कारोबारियों के पैसे मार्केट में लगाता था। उसकी मौत के बाद यह काम अजय देख रहा था और लूथरा भाइयों के क्लब में भी उसने बड़ी रकम निवेश की थी।
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अब पुलिस यह जांच कर रही है कि क्लब में लगी आग और अवैध निर्माण के पीछे फंडिंग का क्या रोल था और अजय के लूथरा भाइयों के साथ क्या वित्तीय व्यवहार हुए।
घटना के तुरंत बाद क्लब मालिक गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा देश छोड़कर थाईलैंड भाग गए थे। उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए गोवा पुलिस ने रीजनल पासपोर्ट ऑफिस को दोनों के पासपोर्ट रद्द करने की सिफारिश की। साथ ही साझेदारों-अजय गुप्ता और ब्रिटेन में रहने वाले सुरिंदर कुमार खोसला-के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया गया।
हादसे वाले दिन ही लूथरा भाइयों ने दिल्ली एयरपोर्ट से उड़ान पकड़ ली थी, जिसके बाद वे विदेश में छिपे हुए हैं।
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अजय गुप्ता की गिरफ्तारी इस केस में एक बड़ा मोड़ मानी जा रही है। अस्पताल से डिस्चार्ज करवाकर उसे क्राइम ब्रांच ऑफिस लाया गया, जहां उससे प्रारंभिक पूछताछ की गई। गोवा पुलिस बुधवार को उसे कोर्ट में पेश करेगी और ट्रांजिट रिमांड पर गोवा ले जाने की मांग करेगी।
पुलिस का कहना है कि आग से जुड़ी लापरवाही, अवैध निर्माण, और फायर सेफ्टी नियमों के उल्लंघन से जुड़े कई सवालों के जवाब अजय ही दे सकता है। इस केस में आगे और बड़े खुलासे होने की संभावना है।