New Delhi: देश इस वक्त दहशत के साए में है। राजधानी दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार बम धमाके ने पूरे देश को हिला दिया है लेकिन अब सब इस हमले की तार जोड़ने पर जुटे हुए हैं। जिसका सबसे पहला तार गुजरात के सूरत से एक आतंकी डॉक्टर की गिरफ्तारी, जम्मू-कश्मीर में हजारों किलो विस्फोटक की बरामदगी और उत्तर प्रदेश में जैश-ए-मोहम्मद समर्थक पोस्टर मिलने से जुड़ रहा है।
इन घटनाओं के बीच सवाल उठता है, क्या यह महज इत्तेफाक है, या फिर देश के अलग-अलग हिस्सों में फैली एक संगठित आतंकी साजिश का हिस्सा? पुलिस, एनआईए और खुफिया एजेंसियां जांच में जुटी हैं, लेकिन शुरुआती सुराग इशारा करते हैं कि सूरत, कश्मीर और दिल्ली की ये तीनों घटनाएं किसी ना’पाक नेटवर्क की गहरी साजिश का हिस्सा हो सकती हैं, जो भारत को भीतर से दहलाने की कोशिश में है।
तीन राज्यों में आतंक से जुड़े संदिग्ध गिरफ्तार
धमाके के कुछ घंटे पहले और बाद में गुजरात, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में तीन संदिग्ध गिरफ्तार किए गए हैं, जिनका संबंध इस घटना से जोड़ा जा रहा है। गुजरात में एक डॉक्टर को तीन पिस्तौल और ‘राइसिन’ जैसे जैविक हथियार बनाने के संसाधनों के साथ पकड़ा गया।
हरियाणा के फरीदाबाद में जम्मू-कश्मीर के एक व्यक्ति से 2,900 किलो विस्फोटक और दो असॉल्ट राइफलें बरामद की गईं, जबकि उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से तीसरे व्यक्ति को जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
कैसे हुआ लाल किला धमाका?
जानकारी के मुताबिक, हरियाणा नंबर HR26 CE 7674 वाली एक हुंडई i20 कार रविवार को लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास सुभाष मार्ग ट्रैफिक सिग्नल पर खड़ी थी। कुछ ही देर में कार में जबरदस्त धमाका हुआ, जिससे आसपास खड़ी कई गाड़ियां जलकर खाक हो गईं। धमाके में नौ लोगों की मौत और दो दर्जन लोग घायल हुए।
गिरफ्तार डॉक्टरों पर गहराया शक
गुजरात एटीएस ने गांधीनगर के अदलज कस्बे से डॉ. अहमद मोहिउद्दीन सैयद को पकड़ा। उनके पास से तीन पिस्तौलें, जिनमें दो ऑस्ट्रियाई ग्लॉक और एक इतालवी बेरेटा शामिल थीं, और गोला-बारूद बरामद किया गया। पुलिस को सैयद के घर से चार लीटर अरंडी का तेल भी मिला, जिसका इस्तेमाल राइसिन जैसे घातक जैविक हथियार बनाने में किया जा सकता है।
हरियाणा और उत्तर प्रदेश से भी मिले सुराग
इसी दौरान जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा के फरीदाबाद में डॉ. मुज़म्मिल शकील से जुड़े दो ठिकानों पर छापेमारी कर लगभग 3,000 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री जब्त की। इसमें 350 किलो अमोनियम नाइट्रेट, डेटोनेटर और असॉल्ट राइफलें शामिल थीं।
वहीं, सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) से डॉ. आदिल अहमद राठेर को भी गिरफ्तार किया गया, जो जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर लगाने के आरोप में पहले से संदिग्ध था। पुलिस ने एक तीसरे डॉक्टर शाहीन शाहिद को भी पकड़ा है, जिसने अपने वाहन में राइफलें और गोला-बारूद छिपाने की अनुमति दी थी।
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जांच में जुटी एजेंसियां
एनआईए, एनएसजी और दिल्ली पुलिस ने इस पूरे मामले की संयुक्त जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच से संकेत मिले हैं कि इन तीनों गिरफ्तारियों और दिल्ली धमाके के बीच संभावित कड़ी हो सकती है। सुरक्षा एजेंसियां अब इन गिरफ्तार डॉक्टरों के आतंकी नेटवर्क और विदेशी संपर्कों की जांच में जुटी हैं।

