New Delhi: दिल्ली वक्फ बोर्ड में नियुक्तियों में हुए कथित घोटाले में एक बड़ा मोड़ आया है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान और अन्य 10 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश के आरोप तय कर दिए हैं। यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा दर्ज किया गया था और अब आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में नियमित सुनवाई शुरू होने जा रही है।
सीबीआई का आरोप
सूत्रों के अनुसार, CBI ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन पद का दुरुपयोग किया। वर्ष 2016 से 2021 के बीच उन्होंने बोर्ड में बिना किसी वैधानिक प्रक्रिया के कई नियुक्तियां कीं। आरोप है कि कोई सार्वजनिक विज्ञापन नहीं निकाला गया और न पात्रता मानकों का पालन हुआ। ये सारी नियुक्तियां एक पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा बताई गई हैं।
कौन-कौन फंसा है मामले में?
CBI ने इस मामले में कुल 11 लोगों को आरोपी बनाया है। इनमें वक्फ बोर्ड के कर्मचारी और लाभ पाने वाले अन्य लोग शामिल हैं। जांच एजेंसी का दावा है कि यह पूरा खेल नियमों को ताक पर रखकर अपनों को फायदा पहुंचाने का था।
क्या है मामला?
यह विवाद सबसे पहले 2016 में सामने आया था, जब वक्फ बोर्ड में नियमों के विरुद्ध भर्तियों की शिकायत हुई थी। इसके बाद मामला सीबीआई के पास गया। एजेंसी ने लंबी जांच के बाद 31 अगस्त 2022 को चार्जशीट दाखिल की। कोर्ट ने अब इस चार्जशीट को स्वीकार करते हुए आरोप तय कर दिए हैं।
कानूनी धाराएं
अमानतुल्लाह खान पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(d) और आईपीसी की धारा 120बी (साजिश) के तहत आरोप लगे हैं।
आगे की प्रक्रिया
अब मामले में अदालत द्वारा नियमित सुनवाई शुरू होगी, जिसमें गवाहों की गवाही, दस्तावेजी साक्ष्य और अन्य पहलुओं पर चर्चा होगी। यह देखा जाएगा कि क्या सच में बोर्ड की स्वायत्तता का दुरुपयोग कर सरकारी पदों को निजी हित के लिए इस्तेमाल किया गया।
राजनीतिक मायने:
विधानसभा चुनावों की आहट के बीच यह मामला AAP के लिए एक राजनीतिक झटका माना जा रहा है। पार्टी की छवि को पारदर्शिता और ईमानदारी की पार्टी बताने वाले दावों पर अब सवाल खड़े हो सकते हैं।

