कवि-कथाकार विनोद कुमार शुक्ल का आज 89 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने रायपुर के एम्स में अंतिम सांस ली है। बता दें कि वो लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे और आज मंगलवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी पहली कविता ‘लगभग जयहिंद’ वर्ष 1971 में प्रकाशित हुई।

विनोद कुमार शुक्ल का निधन
Raipur: हिंदी साहित्य के कवि-कथाकार विनोद कुमार शुक्ल का आज 89 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने रायपुर के एम्स में अंतिम सांस ली है। बता दें कि वो लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे और आज मंगलवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी पहली कविता 'लगभग जयहिंद' वर्ष 1971 में प्रकाशित हुई। उपन्यास 'नौकर की कमीज', 'दीवार में एक खिड़की रहती थी' और 'खिलेगा तो देखेंगे' को हिंदी साहित्य की महत्वपूर्ण कृतियों में गिना जाता है। 'नौकर की कमीज' पर प्रसिद्ध फिल्मकार मणिकौल द्वारा इसी नाम से फिल्म भी बनाई गई थी। वहीं 'दीवार में एक खिड़की रहती थी' को साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया।
विनोद कुमार शुक्ल का जन्म 1 जनवरी 1937 को छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में हुआ। शिक्षा को पेशे के रूप में चुनकर उन्होंने अपना अधिक समय साहित्य सृजन में लगाया। वे हिंदी भाषा और साहित्य के ऐसे लेखक रहे, जिन्हें सरल भाषा, गहरी संवेदनशीलता और सृजनात्मक लेखन के लिए जाना जाता है।
उनके हिंदी साहित्य में अनूठे योगदान, विशिष्ट शैली और सृजनात्मकता के लिए वर्ष 2024 में उन्हें 59वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया। विनोद कुमार शुक्ल हिंदी के 12वें ऐसे साहित्यकार हैं, जिन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ, और वे छत्तीसगढ़ राज्य के पहले लेखक हैं, जिन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा गया। हाल ही में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने एम्स पहुंचकर उनका हालचाल जाना था।
लेखक, कवि और उपन्यासकार विनोद कुमार शुक्ल ने उपन्यास और कविता दोनों विधाओं में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी पहली कविता ‘लगभग जयहिंद’ (1971) प्रकाशित हुई। उनके प्रमुख उपन्यासों में ‘नौकर की कमीज’, ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ और ‘खिलेगा तो देखेंगे’ शामिल हैं।
1979 में प्रकाशित ‘नौकर की कमीज’ पर फिल्मकार मणिकौल ने इसी नाम से फिल्म भी बनाई। उनके उपन्यास ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ को साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिल चुका है। शुक्ल का लेखन सरल भाषा, संवेदनशीलता और अनूठी शैली के लिए प्रसिद्ध था। उन्होंने हिंदी साहित्य में प्रयोगधर्मी लेखन के नए आयाम स्थापित किए।