Washington: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार, 8 अगस्त 2025 से लागू होने वाले नए कार्यकारी आदेश के तहत उन देशों को टैरिफ छूट देने की घोषणा की है, जो अमेरिका के साथ औद्योगिक निर्यात समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। इस कदम का उद्देश्य वैश्विक व्यापार व्यवस्था को पुनर्गठित करना, अमेरिकी व्यापार घाटे को कम करना और व्यापारिक साझेदारों को अधिक सौदेबाजी के लिए प्रेरित करना बताया गया है।
नए आदेश में शामिल मुख्य बातें
ट्रंप प्रशासन ने 45 से अधिक वस्तुओं को इस आदेश के दायरे में रखा है। इन वस्तुओं पर अमेरिका के सहयोगी देशों को शून्य आयात टैरिफ मिलेगा। ऐसे देश वे होंगे, जो अमेरिका के साथ फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे और रेसिप्रोकल टैरिफ या शुल्कों को कम करने का वादा करेंगे। यह कदम जापान और यूरोपीय संघ जैसे मौजूदा गठबंधन देशों के साथ किए गए समझौतों के अनुरूप है।
कौन सी चीजों पर मिलेगी छूट
व्हाइट हाउस के अनुसार, छूट उन वस्तुओं पर लागू होगी, जिन्हें अमेरिका में पर्याप्त मात्रा में उत्पादन नहीं किया जा सकता। इसमें शामिल हैं:
- प्राकृतिक ग्रेफाइट और विभिन्न प्रकार के निकेल (स्टेनलेस स्टील व इलेक्ट्रिक व्हीकल बैटरियों के लिए जरूरी)
- फार्मास्युटिकल कंपाउंड जैसे लिडोकेन और मेडिकल डायग्नोस्टिक रियाजेंट्स
- सोने के उत्पाद जैसे पाउडर, पत्ते और बुलियन
विशेष प्रावधान और बदलाव
नए आदेश में कुछ कृषि उत्पादों, एयरक्राफ्ट और उसके पुर्जों तथा गैर-पेटेंटेड फार्मास्युटिकल उत्पादों के लिए भी छूट दी गई है। आदेश के अनुसार, एक बार अनुरूप व्यापार समझौता होने के बाद अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (USTR), वाणिज्य विभाग और कस्टम अधिकारी स्वतंत्र रूप से इन वस्तुओं पर टैरिफ माफ कर सकेंगे। इसके साथ ही प्लास्टिक और पॉलीसिलिकॉन जैसी पहले दी गई छूटों को रद्द भी किया गया है।
Trump Tariffs: अमेरिका से टकराव या समझौता? ट्रंप टैरिफ पर गोयल का बड़ा बयान
वैश्विक व्यापार और घरेलू असर
स्विट्जरलैंड जैसी प्रमुख आपूर्ति करने वाली देशों पर, जिनके साथ अभी समझौता नहीं हुआ, 39% टैरिफ लागू है। नए आदेश से अमेरिका उन वस्तुओं पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है, जिन्हें घरेलू रूप से पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं कराया जा सकता। इस कदम से वैश्विक व्यापार पर असर पड़ेगा और अमेरिकी औद्योगिक हितों की सुरक्षा में भी मदद मिलेगी।