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नॉर्थ कोरिया, ईरान और म्यांमार FATF की ब्लैकलिस्ट में, जानें क्यों लिया गया यह फैसला

वैश्विक वित्तीय निगरानी संस्था FATF ने उत्तर कोरिया, ईरान और म्यांमार को उच्च जोखिम वाले देशों में शामिल करते हुए चेतावनी दी है। इन देशों की कानूनी कमियों और आतंकवाद व मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने में विफलता वैश्विक वित्तीय प्रणाली के लिए खतरा है।
Post Published By: Sapna Srivastava
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नॉर्थ कोरिया, ईरान और म्यांमार FATF की ब्लैकलिस्ट में, जानें क्यों लिया गया यह फैसला

Paris: वैश्विक स्तर पर आतंकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली संस्था FATF ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि उत्तर कोरिया, ईरान और म्यांमार उच्च जोखिम वाले देश हैं। FATF का कहना है कि इन देशों ने अपने यहां आतंकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानूनों को पूरी तरह लागू नहीं किया है और वैश्विक वित्तीय प्रणाली के लिए खतरा बने हुए हैं।

FATF ने चेताया कि इन देशों को ब्लैकलिस्ट से हटाना उनका कोई लाइसेंस नहीं बनाता। इसका मतलब है कि अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों को इनके साथ लेन-देन में विशेष सतर्कता बरतनी होगी। ब्लैकलिस्ट का उद्देश्य देशों पर FATF मानकों के अनुसार सुधार करने का दबाव डालना है।

FATF ने 2025 में कई देशों की प्रगति की समीक्षा की। अल्जीरिया, अंगोला, बुल्गारिया, बुर्किना फासो, कैमरून, कोट डी आइवर, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, केन्या, लाओ पीडीआर, मोनाको, मोजांबिक, नामीबिया, नेपाल, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण सूडान, सीरिया, वेनेजुएला और वियतनाम की स्थिति देखी गई। इनमें से बुर्किना फासो, मोजांबिक, नाइजीरिया और दक्षिण अफ्रीका को FATF की ग्रे लिस्ट से हटा दिया गया।

म्यांमार पर FATF की चेतावनी

म्यांमार पर FATF की चेतावनी

म्यांमार को अक्टूबर 2022 में ब्लैकलिस्ट में शामिल किया गया था। FATF ने कहा कि म्यांमार ने अपने एक्शन प्लान में अधिकांश सुधार कार्य समय पर पूरे नहीं किए। हालांकि कुछ प्रगति हुई है, जैसे जब्त की गई संपत्तियों का प्रबंधन, लेकिन रणनीतिक कमियों को तुरंत दूर करना आवश्यक है। FATF ने चेताया कि अक्टूबर 2025 तक सुधार नहीं होने पर कठोर कदम उठाए जा सकते हैं।

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ईरान पर कार्रवाई की वजह

ईरान ने 2018 में अपने FATF एक्शन प्लान को शुरू किया था, लेकिन इसे अब तक पूरा नहीं किया। अक्टूबर 2025 में ईरान ने संयुक्त राष्ट्र की आतंकी वित्तपोषण संधि से संबंधित कानून पास किया, लेकिन FATF का कहना है कि मुख्य कमियां अभी भी बरकरार हैं। फरवरी 2020 के बाद ईरान ने जनवरी, अगस्त और दिसंबर 2024 तथा अगस्त 2025 में अपनी स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत की, लेकिन कोई महत्वपूर्ण सुधार नहीं हुआ।

उत्तर कोरिया की स्थिति

उत्तर कोरिया भी लगातार उच्च जोखिम वाले देशों की सूची में है। FATF ने कहा है कि उत्तर कोरिया ने अपने वित्तीय और कानूनी सुधारों में कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।

FATF ने सभी देशों और वित्तीय संस्थानों से अपील की है कि वे इन उच्च जोखिम वाले देशों और उनके वित्तीय लेन-देन को गंभीरता से लें। इसका उद्देश्य वैश्विक वित्तीय प्रणाली की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

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FATF की यह चेतावनी इस बात का संकेत है कि अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं को इन देशों के साथ किसी भी प्रकार के लेन-देन में सतर्कता बरतनी होगी। विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह की सख्ती वैश्विक अर्थव्यवस्था और वित्तीय स्थिरता के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

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