चीन ने 20 अमेरिकी डिफेंस कंपनियों को किया ब्लैकलिस्ट, एंट्री बैन के साथ पैसा भी फ्रीज, जानें बड़ी वजह

ताइवान को हथियार बेचने के आरोप में चीन ने बोइंग समेत 20 अमेरिकी डिफेंस कंपनियों और 10 लोगों पर प्रतिबंध लगाया है। इस कदम से चीन-अमेरिका रिश्तों में तनाव और गहरा गया है।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 26 December 2025, 9:16 PM IST

New Delhi: अंतरराष्ट्रीय राजनीति में उस वक्त सनसनी फैल गई, जब चीन ने अमेरिका की बड़ी डिफेंस कंपनियों पर एक साथ कड़ा एक्शन ले लिया। ताइवान को हथियार बेचने के आरोप में चीन ने 20 अमेरिकी कंपनियों और 10 व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान कर दिया। यह फैसला सीधे तौर पर चीन-अमेरिका रिश्तों में बढ़ते तनाव की ओर इशारा करता है। बीजिंग ने साफ कर दिया है कि ताइवान के मुद्दे पर किसी भी तरह की दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बोइंग समेत 20 कंपनियां प्रतिबंध के घेरे में

चीन के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिबंधित कंपनियों में बोइंग की सेंट लुइस ब्रांच भी शामिल है। इसके अलावा नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन सिस्टम्स कॉर्पोरेशन, एल3 हैरिस मैरीटाइम सर्विसेज और एंडुरिल इंडस्ट्री जैसी कई प्रमुख डिफेंस कंपनियां भी इस कार्रवाई की चपेट में आई हैं। चीन का आरोप है कि इन कंपनियों ने ताइवान को हथियार बेचकर उसकी संप्रभुता और सुरक्षा को चुनौती दी है।

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संपत्तियां फ्रीज, एंट्री पर पूरी तरह रोक

चीन के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, प्रतिबंध के तहत इन कंपनियों और उनसे जुड़े अधिकारियों की चीन में मौजूद सभी संपत्तियों को फ्रीज कर दिया जाएगा। इसके साथ ही चीनी संस्थाओं और नागरिकों को इन कंपनियों के साथ किसी भी तरह के व्यापार से रोक दिया गया है। एंडुरिल इंडस्ट्री के संस्थापक समेत नौ वरिष्ठ अधिकारियों को चीन में प्रवेश करने से भी बैन कर दिया गया है।

अमेरिकी हथियार सौदे से भड़का चीन

असल में यह पूरा मामला तब और गर्माया, जब अमेरिका ने हाल ही में ताइवान को 11.1 अरब डॉलर के हथियार बेचने की घोषणा की। इसी के जवाब में चीन ने यह सख्त कदम उठाया। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ताइवान का मुद्दा चीन के मूल हितों से जुड़ा है और यह चीन-अमेरिका संबंधों में एक रेड लाइन है, जिसे पार नहीं किया जा सकता।

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चीन की चेतावनी, हर उकसावे का जवाब

बीजिंग ने साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि ताइवान को लेकर किसी भी उकसावे वाली कार्रवाई का कड़ा जवाब दिया जाएगा। चीन ने अमेरिका से अपील की है कि वह ताइवान को हथियार देना बंद करे। वहीं, अमेरिका में ताइवान एश्योरेंस इम्प्लिमेंटेशन एक्ट को लेकर भी विवाद गहराता जा रहा है, जिसे चीन ने अपने आंतरिक मामलों में दखल बताया है।

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Published : 
  • 26 December 2025, 9:16 PM IST

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