नई दिल्ली: वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक तनाव, घरेलू विमान हादसे और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल ने भारतीय शेयर बाजार को झकझोर कर रख दिया है। शुक्रवार को बाजार खुलते ही भारी गिरावट देखने को मिली। बीएसई सेंसेक्स 900 अंक तक टूट गया, जबकि निफ्टी में भी 270 अंकों की गिरावट आई। बैंकिंग, ऑयल और एविएशन सेक्टर के स्टॉक्स सबसे ज्यादा प्रभावित हुए।
भारतीय शेयर बाजार में हाहाकार
इस गिरावट की तीन मुख्य वजहें मानी जा रही हैं। पहली और सबसे बड़ी वजह है इजरायल द्वारा ईरान की राजधानी तेहरान में की गई एयरस्ट्राइक। गुरुवार देर रात हुए इस हमले में इजरायली वायुसेना ने ईरान के न्यूक्लियर एनरिचमेंट सेंटर को निशाना बनाया। यह हमला 1980 के दशक के बाद ईरान पर सबसे बड़ा माना जा रहा है, जिससे पश्चिम एशिया में तनाव चरम पर पहुंच गया है। इसका असर ग्लोबल निवेशकों की भावनाओं पर पड़ा है और उन्होंने जोखिम वाले निवेश से दूरी बना ली है।
प्लेन क्रैश से शेयर बाजार में दिखा गिरावट
दूसरी वजह है अहमदाबाद में गुरुवार को हुआ एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर का क्रैश। इस दुर्घटना के बाद विमानन क्षेत्र से जुड़े शेयरों में घबराहट देखने को मिली। न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में बोइंग के शेयरों में 4.79% की गिरावट आई, जबकि भारतीय बाजार में इंडिगो के शेयर 4.50% और स्पाइसजेट के शेयर 3.65% तक टूट गए। इससे एविएशन सेक्टर में निवेशकों की चिंता और बढ़ गई।
क्रूड ऑयल की कीमतों में उछाल से शेयर बाजार गिरा
तीसरी अहम वजह है कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त उछाल। इजरायल-ईरान संघर्ष के चलते तेल आपूर्ति पर संकट मंडरा रहा है। ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतें 8.84% बढ़कर 75.49 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई क्रूड 9.22% की तेजी के साथ 74.36 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। इससे वैश्विक महंगाई बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है, जिसका सीधा असर शेयर बाजार पर पड़ा है।
शुक्रवार सुबह करीब 9:19 बजे सेंसेक्स 1,163 अंक की गिरावट के साथ 80,528 पर पहुंच गया, हालांकि कुछ समय बाद यह 900 अंक टूटकर 80,788 पर कारोबार करता दिखा। वहीं, निफ्टी भी 284 अंक गिरकर 24,608 पर पहुंचा। निफ्टी बैंक इंडेक्स में 645 अंकों की भारी गिरावट देखी गई।
बीएसई टॉप 30 के सभी शेयर लाल निशान में दिखे
बीएसई टॉप 30 के सभी शेयर लाल निशान में रहे। एलएंडटी में 2.18%, टाटा मोटर्स, अडानी पोर्ट्स, कोटक महिंद्रा, एसबीआई, बजाज फाइनेंस और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में भी भारी गिरावट देखी गई। बीपीसीएल, एचपीसीएल और आईओसी जैसे तेल कंपनियों के शेयरों पर भी भारी दबाव बना रहा।
सिर्फ भारतीय नहीं, एशियाई बाजार भी इस तनाव की चपेट में आ गए। जापान, चीन, हांगकांग, कोरिया और ताइवान के बाजारों में भी 1.3% तक की गिरावट दर्ज की गई। वैश्विक अनिश्चितता के इस दौर में निवेशकों को फिलहाल सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।

