New Delhi: भारत अब चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और तेजी से एक वैश्विक विनिर्माण हब के रूप में उभर रहा है। बड़े-बड़े अंतरराष्ट्रीय ब्रांड भारत का रुख कर रहे हैं केवल इसके विशाल बाजार के लिए नहीं, बल्कि यहां की नीतिगत स्थिरता, डिजिटल प्रगति और कुशल श्रमिक बल के कारण भी। इसी अवसर को ध्यान में रखते हुए निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड ने एक नया निवेश विकल्प पेश किया है प्पॉन इंडिया एमएनसी फंड।
क्या है निप्पॉन इंडिया एमएनसी फंड?
यह एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है, जो उन बहुराष्ट्रीय कंपनियों में निवेश करेगी जो भारत में रजिस्टर्ड हैं लेकिन जिनका संचालन एक से अधिक देशों में फैला हुआ है। इस फंड के जरिए निवेशक हिंदुस्तान यूनिलीवर, एबॉट इंडिया, नेस्ले, बॉश, सीमेंस, कोलगेट-पामोलिव जैसी नामचीन वैश्विक कंपनियों में निवेश कर सकते हैं। इस फंड का New Fund Offer (NFO) 2 जुलाई 2025 से खुल चुका है और 16 जुलाई 2025 को बंद होगा।
निवेश के प्रमुख फायदे
इस फंड की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह निवेशकों को एक ही फंड में वैश्विक ब्रांडों और भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनियों दोनों का लाभ देता है। एमएनसी कंपनियां अक्सर मजबूत बैलेंस शीट, बेहतर कॉर्पोरेट गवर्नेंस और रिसर्च एवं डेवलपमेंट में निवेश के लिए जानी जाती हैं। ये कंपनियां आर्थिक मंदी के समय भी अपेक्षाकृत स्थिर प्रदर्शन करने की क्षमता रखती हैं।
भारत की नीतियों से अतिरिक्त मजबूती
भारत सरकार की पीएलआई (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) योजनाएं, डिजिटलीकरण में तेजी और बढ़ती आय के साथ मध्यवर्गीय आबादी एमएनसी कंपनियों को एक स्थायी बाजार प्रदान करती हैं। भारत की कारोबारी सुगमता में सुधार और बुनियादी ढांचे के विस्तार से भी निवेशकों को लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना है।
किन सेक्टर्स पर रहेगा फंड का फोकस?
निप्पॉन इंडिया एमएनसी फंड का फोकस आईटी, फार्मा, ऑटोमोबाइल, एफएमसीजी, सीमेंट, मेटल और औद्योगिक विनिर्माण जैसे सेक्टर्स में सक्रिय कंपनियों पर रहेगा। यह उन कंपनियों को प्राथमिकता देगा जिनकी ब्रांड वैल्यू मजबूत है और जो कम कर्ज के साथ स्थिर विकास दिखा रही हैं।
डिस्क्लेमर
यह लेख केवल सूचना प्रदान करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें। बाजार जोखिमों के अधीन हैं।