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Tej Pratap Yadav: भाई को पार्टी से निकालने पर बहन ने तोड़ी चुप्पी, जानिए क्या कहा रोहिणी आचार्य ने?

तेज प्रताप यादव की बहन रोहिणी आचार्य ने इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
Post Published By: Sapna Srivastava
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Tej Pratap Yadav: भाई को पार्टी से निकालने पर बहन ने तोड़ी चुप्पी, जानिए क्या कहा रोहिणी आचार्य ने?

पटना: बिहार की राजनीति में उस वक्त बड़ा धमाका हुआ जब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के संस्थापक और वरिष्ठ नेता लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। तेज प्रताप और अनुष्का यादव के रिश्ते को लेकर जारी विवाद के बीच यह फैसला 25 मई 2025 को लिया गया। इस मामले ने ना सिर्फ राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी, बल्कि लालू परिवार के भीतर भी एक नई बहस को जन्म दे दिया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इसी बीच लालू प्रसाद यादव की बेटी और तेज प्रताप यादव की बहन रोहिणी आचार्य ने इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक लंबा और भावनात्मक पोस्ट लिखकर यह स्पष्ट कर दिया कि वह अपने पिता के फैसले के साथ हैं और तेज प्रताप के आचरण को परिवार और पार्टी के खिलाफ मानती हैं।

रोहिणी आचार्य का तीखा हमला

रोहिणी ने लिखा, “जो परिवेश, परंपरा, परिवार और परवरिश की मर्यादा का ख्याल रखते हैं, उन पर कभी सवाल नहीं उठते हैं। जो अपना विवेक त्याग कर मर्यादित आचरण व परिवार की प्रतिष्ठा की सीमा को बारंबार लांघने की गलती करते हैं, वे खुद को आलोचना का पात्र बना लेते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारे लिए पापा देवतुल्य हैं, परिवार हमारा मंदिर है और उनके अथक संघर्ष से खड़ी की गई पार्टी हमारी पूजा है। इन तीनों की प्रतिष्ठा पर कोई आंच आए, यह हमें कदापि स्वीकार्य नहीं।”

इस बयान से साफ है कि रोहिणी तेज प्रताप के व्यवहार से नाराज़ हैं और उनके निष्कासन को सही ठहरा रही हैं।

क्या तेज प्रताप की छवि को लग गई है गहरी चोट?

तेज प्रताप यादव पर यह कार्रवाई इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि वह पहले से ही कई बार विवादों में रह चुके हैं। उनकी शादी ऐश्वर्या राय से हुई थी, लेकिन अब दोनों अलग रह रहे हैं और तलाक का मामला कोर्ट में है। इसी बीच अनुष्का यादव के साथ उनका कथित संबंध सार्वजनिक होने के बाद आरजेडी और यादव परिवार की छवि पर असर पड़ने लगा।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लालू यादव ने यह कदम पार्टी की साख बचाने और तेजस्वी यादव को भविष्य के लिए एक स्पष्ट रास्ता देने के उद्देश्य से उठाया है।

तेजस्वी यादव को मिल रहा समर्थन

तेजस्वी यादव, जो पार्टी के प्रमुख चेहरा बनते जा रहे हैं, इस फैसले के बाद और मजबूत स्थिति में नजर आ रहे हैं। रोहिणी आचार्य और परिवार के अन्य सदस्यों का समर्थन उन्हें एक विश्वसनीय नेता के रूप में स्थापित कर रहा है। माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव 2025 तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।

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