रुद्रप्रयाग जनपद में इन दिनों जंगली भालू की सक्रियता लोगों के लिए बड़ी परेशानी बनती जा रही है। एक ओर जहां आबादी वाले क्षेत्रों और गांवों में भालू की दहशत बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर केदारनाथ धाम को जाने वाले पैदल मार्ग पर भी भालू ने नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है।

केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भालू का कहर
Rudraprayag: रुद्रप्रयाग जनपद में इन दिनों जंगली भालू की सक्रियता लोगों के लिए बड़ी परेशानी बनती जा रही है। एक ओर जहां आबादी वाले क्षेत्रों और गांवों में भालू की दहशत बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर केदारनाथ धाम को जाने वाले पैदल मार्ग पर भी भालू ने नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है। हाल ही में लिंचौली क्षेत्र में बने प्रीफेब्रिकेटेड हट को भालू ने तोड़कर भीतर रखे सामान को नुकसान पहुंचाया, जिसका सीसीटीवी फुटेज अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
लिंचौली स्थित प्रीफेब्रिकेटेड हट में देर रात भालू के घुसने की पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई। वीडियो में देखा जा सकता है कि भालू किस तरह दरवाजा तोड़कर अंदर घुसता है और सामान को इधर-उधर बिखेर देता है। यह वीडियो सामने आने के बाद श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है। लोगों का कहना है कि अगर यही स्थिति रही तो आने वाले समय में यात्रा मार्ग पर आवाजाही भी जोखिम भरी हो सकती है।
जिला आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार यह पहली घटना नहीं है। हर साल शीतकाल के दौरान जब ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी बढ़ जाती है, तब भालू निचले क्षेत्रों की ओर रुख करते हैं। इसी दौरान वे केदारनाथ पैदल मार्ग पर बने प्रीफेब्रिकेटेड हट, दुकानों और ढाबों को निशाना बनाते हैं। कई बार भालू खाद्य सामग्री की तलाश में भारी नुकसान पहुंचा चुके हैं।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि भालू द्वारा हट को नुकसान पहुंचाने की सूचना मिली है। उन्होंने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है और पूर्व में भी इस तरह की घटनाएं सामने आती रही हैं। विभाग द्वारा संबंधित एजेंसियों को सतर्क रहने और आवश्यक एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही स्थानीय लोगों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
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स्थानीय व्यापारियों और कर्मचारियों का कहना है कि लगातार हो रही इन घटनाओं से जान-माल का खतरा बढ़ गया है। उनका मानना है कि यदि समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले समय में किसी बड़ी अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता। प्रशासन से मांग की जा रही है कि भालुओं की गतिविधियों पर निगरानी बढ़ाई जाए और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं।