Rudraprayag: जिला पंचायत की रिक्त हुई बजीरा सीट पर सियासी दलों में घमासान मच गया है। दोनों ही पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। चुनाव 20 नवंबर को होना है। ये सीट ओबीसी महिला सीट है जो महिला प्रत्याशी की मृत्यु होने पर खाली हो गई थी। इस सीट पर कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी उतारा है।
जानकारी के अनुसार प्रदेश में विभिन्न कारणों से रिक्त हुए जिला पंचायत सदस्य एवं ग्राम प्रधान एवं क्षेत्र पंचायत उप चुनाव कराये जाने हेतु अधिसूचना जारी कर दी गयी। जिला मजिस्ट्रेट एवं जिला निर्वाचन द्धारा 13 और 14 नवम्बर को 10 बजे से 5 बजे तक नामाकनं एवं पत्रों की जांच तिथि जारी की गई और 16 को चिहिन्न आंबटन की तिथि निर्धारित की गयी।
विमला बुटोला के आकस्मिक निधन से खाली हुई है बजीरा सीट
बता दें कि बजीरा सीट से जिला पंचायत सदस्य विमला बुटोला के आकस्मिक निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव होना है, जिसको लेकर इन दिनों निर्वाचन की कार्रवाई चल रही है. चुनाव को लेकर कांग्रेस अधिकृत प्रत्याशी नीलम बुटोला ने 14 नवंबर को नामांकन पत्र भरकर जमा कर दिया. जबकि, निर्दलीय प्रत्याशी नीतू बुटोला ने अपना नामांकन पत्र भी दाखिल किया।
दोनों दलों ने दर्ज कराई शिकायत
दूसरी तरफ दोनों ही पार्टियों ने एक दूसरे के खिलाफ आरोप पत्र दर्ज किये हैं। जिस पर आरओं ने दोनों की शिकायत दर्ज की है। आरओं का कहना है कि ये जांच का विषय हैं। कांग्रेस प्रत्याशी को दिया गया ओबीसी प्रमाण पत्र फर्जी बताया गया हैं जिस पर बीजेपी ने आपत्ति दर्ज की है।
आरओ ने की शिकायतें दर्ज
आरओं ने दोनों की शिकायत दर्ज कर ली है और जांच की बात की है। उनका कहना है कि जो भी आपत्ति होगीं उसका निस्तारण जांच के बाद कोर्ट के द्धारा ही आयेगा। फिलहाल दोनों को चुनाव चिहिन्न आंबटन कर दिये गये है लेकिन कल से आज तक बीजेपी और कांग्रेस में गहमा गहमी बनी रही जो चर्चा का विषय बना रहा बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते रहे।
बीजेपी का आरोप हैं कि कांग्रेस प्रत्याशी ने जो ओबीसी का प्रमाण पत्र दाखिल किया है वह गलत जारी किया गया है। उस पर जहां से ओबीसी प्रमाण पत्र तहसीलदार द्धारा जारी किया गया हैं वह कह रहा है कि भूल बस ओबीस प्रमाण बनाया गया हैं वहीं जांच का विषय बन गया है।
दूसरी ओर कांग्रेस ने भी पलटवार करते हुए बीजेपी प्रत्याशी पर कई दस्तावेजों को फर्जी बताते हुए शिकायत दर्ज कराई। दोनों दलों द्वारा अलग–अलग आरोपों के चलते प्रशासन पर जांच का दबाव बढ़ गया है।
निर्दलीय प्रत्याशी की ओर से पैरवी करने उतरे बीजेपी जिलाध्यक्ष भारत भूषण भट्ट ने कांग्रेस प्रत्याशी नीलम बुटोला पर फर्जी ओबीसी प्रमाण पत्र लगाकर नामांकन करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी के मायके में जांच के बाद पता चला कि उनका ओबीसी प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बना है. नियमों में साफ है कि साल 2014 के बाद राजपूत, सुनार ओबीसी के दायरे में नहीं आते हैं।
नरेंद्र बिष्ट ने आरोप लगाया कि बजीरा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी की जीत के डर से बीजेपी घबराहट महसूस कर रही है. निर्दलीय प्रत्याशी के समर्थन में बीजेपी जिलाध्यक्ष पैरवी कर रहे हैं, जो अपना ही प्रत्याशी खड़ा करने से कतरा गए. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि सत्ताधारी नेता रिटर्निंग ऑफिसर पर भी दबाव बना रहे हैं।
राजनीतिक सरगर्मी तेज
बीजेपी और कांग्रेस के बीच शुरू हुआ यह घमासान स्थानीय राजनीति में नई हलचल पैदा कर रहा है। आरोप–प्रत्यारोप और दस्तावेजों की वैधता पर चल रही बहस से यह उपचुनाव अचानक महत्वपूर्ण और चर्चित हो गया है। जिले की सबसे अहम सीटों में गिनी जाने वाली बजीरा वार्ड सीट पर अब हर किसी की नजर टिकी हुई है कि यह सीट किसकी झोली में गिरती है।

