Baghpat News: बामनौली गांव में किसानों और जाट समाज के लोगों की एक अहम बैठक हुई। जिसमें पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के समर्थन में खुलकर आवाज उठाई गई। बैठक में बड़ी संख्या में ग्रामीण, समाज के बुद्धिजीवी वर्ग और किसान प्रतिनिधि मौजूद रहे। वक्ताओं ने साफ कहा कि जगदीप धनखड़ किसानों की आवाज़ उठाने वाले सच्चे नेता हैं और उनके इस्तीफे के पीछे स्वास्थ्य कारणों की बात गले नहीं उतर रही।
स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा ‘विश्वसनीय नहीं’
ग्रामीणों ने कहा कि जिस तरह से धनखड़ ने संसद और अन्य मंचों पर किसानों के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया, उससे सरकार असहज महसूस कर रही थी। ऐसे में यह आशंका जताई जा रही है कि उन पर इस्तीफे का दबाव डाला गया और अब इसे “स्वास्थ्य कारणों” का नाम दिया जा रहा है, जो पूरी तरह से विश्वसनीय नहीं लगता।
लोगों ने चिंता जताई
बैठक में कई लोगों ने चिंता जताई कि इस्तीफे के बाद से जगदीप धनखड़ सार्वजनिक जीवन से पूरी तरह से गायब हैं। उनका न जनता से कोई संवाद हुआ है, न ही कोई सार्वजनिक उपस्थिति दर्ज की गई है, जिससे स्थिति और भी संदिग्ध हो गई है।
कपिल सिब्बल के बयान का समर्थन
बैठक में राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल के हालिया बयान का भी समर्थन किया गया। सिब्बल ने संसद में सवाल उठाया था कि “जगदीप धनखड़ कहां हैं?” ग्रामीणों ने कहा कि यह सवाल केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था और पारदर्शिता से भी जुड़ा है। सिब्बल की चिंता वाजिब है और सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए।
सरकार पर साजिश का आरोप
वक्ताओं ने सरकार पर साजिश का आरोप लगाते हुए कहा कि जब कोई संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति किसानों के मुद्दों की खुलकर पैरवी करता है तो उसे अलग-थलग किया जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ है।
सरकार से स्पष्टीकरण की मांग
बैठक में सर्वसम्मति से सरकार से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे और उनकी मौजूदा स्थिति को लेकर पारदर्शिता बरतने की मांग की गई। साथ ही ग्रामीणों ने कहा कि यदि शीघ्र कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया तो गांव-गांव जाकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा और जनता को सच्चाई से अवगत कराया जाएगा।