Prayagraj: सावन के अंतिम सोमवार की बात करें तो शिवालयों में जाने के बाद पूजन व दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु बारिश के बीच पहुंच रहे थे। वहीं इस दौरान दर्शन व पूजन भी शुरु हो गया। इसके अलावा शिवायलों में पूजन, दर्शन के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे थे। इस दौरान दर्शन और पूजन भी शुरू किया गया। वहीं शहर के सबसे मशहूर मनकामेश्वर मंदिर में दर्शन पूजन को लेकर सुबह से श्रद्धालुओं की कतार देखने को मिली है। वहीं दूसरी तरफ बारिश के समय भी श्रद्धालु जरा भी विचलिए नहीं नजर आए। वहीं बड़ी संख्य में बात की जाए तो श्रद्धालु पूजन और दर्शन के लिए पहुंच रहे थे।
श्रद्धालुओं की बात करें तो भोलेनाथ पर दही, शक्कर, शहद, दूध, गन्ने का रस के अलावा वस्तुओं से अभिषेक करने के बाद भस्म, धतूरा, कमल, गुलाब, कनेर का फूल के साथ ही अन्य वस्तुओं के साथ श्रृंगार करन में लगे हुए थे।
इसी तरह से श्रद्धालुओं की भीड़ भी पूजन के लिए लगी हुई थी। शहर के प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर नागवासुकी मंदिर, दरियाबाद स्थित तक्षक तीर्थ मंदिर, सिविल लाइन स्थित श्रीहनुमत निकेतन लालपुर स्थित शंकर जी के प्रसिद्ध मंदिर, शहर से 40 किलोमीटर दूर पडिला मंदिर और लालापुर शिव मंदिर में श्रद्धालु पूजा दर्शन करने के लिए काफी संख्या में पहुंच रहे थे।
सावन का अंतिम सोमवार होने की वजह से शिवालियों में भारी संख्या में भीड़ देखने को मिली है। इस दौरान बच्चे भी दर्शन व पूजन करते हुए दिख रहे थे । वहीं यह सिलसिला सुबह से शुरू होने के बाद दोपहर तक जारी रहता था।
अरैल घाट पर चलने वाले शंभू सरकार परिवार की तरफ से नि:शुल्क असंख्य रुद्र महायज्ञ आजकल चर्चा का विषय बना रहा था। ये 10 अगस्त तक चलने वाला है। इस दौरान भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल गई। वहीं परिवार के काफी लोग देखने को मिले थे।
शंभू सरकार के संस्थापक ज्योतिषाचार्य सत्येन्द्र महाराज ने बताया कि आखिरी सोमवार ही बनने वाले अनेक शुभ संयोग को लेकर सावन के आखरी वाले सोमवार के लिए संयोग बनता नजर आ रहा है। मान्यता ये भी मानी जाती रही है कि अवधि में किए जाने वाले कार्य का शुभ फल मिल गया है। शिव पूजन को लेकर भी काफी शुभ संयोग किया गया है।