Raebareli: सलोन तहसील बार एसोसिएशन में शुक्रवार को बड़ा उलटफेर देखने को मिला, जब संगठन दो हिस्सों में विभाजित हो गया। 25 जुलाई को बार एसोसिएशन के एक प्रभावशाली गुट ने सामूहिक इस्तीफा देकर संगठन की कार्यप्रणाली पर सीधा सवाल खड़ा कर दिया। एल्डर कमेटी के सचिव को सौंपे गए इस सामूहिक त्यागपत्र में कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, वकीलों ने त्यागपत्र में बार एसोसिएशन की असंतोषजनक कार्यप्रणाली, बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की अनदेखी और विधि विरुद्ध गतिविधियों को संगठन के बिखराव का मुख्य कारण बताया है। इस्तीफे के बाद वकीलों के इस गुट ने अपनी नई कार्यकारिणी का गठन कर संगठन को एक नया चेहरा देने का ऐलान कर दिया।
नई कार्यकारिणी में विनय कुमार त्रिपाठी को अध्यक्ष और जगदीश प्रसाद मौर्य को वरिष्ठ उपाध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा इंद्रेश द्विवेदी व ज्ञानेंद्र कुमार त्रिपाठी कनिष्ठ उपाध्यक्ष, पवन कुमार श्रीवास्तव महामंत्री, और प्रवीण कुमार त्रिपाठी, उमेश शर्मा व कुलदीप त्रिपाठी को संयुक्त मंत्री नियुक्त किया गया है। उमेश कुमार त्रिपाठी को कोषाध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया है।
इस नई कार्यकारिणी में अमित कुमार शुक्ल को पुस्तकालयाध्यक्ष और राम अनुज पांडेय को मीडिया प्रभारी नियुक्त किया गया है। कार्य समिति में कुल 41 वरिष्ठ अधिवक्ताओं को भी शामिल किया गया है, जिन्होंने संगठन के हित में एकजुट होकर काम करने का संकल्प लिया है।
वकीलों के अनुसार, लंबे समय से संगठन के भीतर पारदर्शिता की कमी, मनमानी निर्णय और पदाधिकारियों की निष्क्रियता को लेकर रोष था। इससे पहले हुए चुनाव में भी कई आपत्तियाँ दर्ज की गई थीं, जो कभी सार्वजनिक रूप से नहीं उठाई गईं। लेकिन अब, जब हालात बेकाबू हो गए, तब मजबूरी में त्यागपत्र और अलग कार्यकारिणी का निर्णय लेना पड़ा।
वहीं, बार एसोसिएशन के मौजूदा पदाधिकारियों ने इस घटनाक्रम को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसे संगठन की गरिमा के खिलाफ बताया है। उन्होंने सभी वकीलों से संयम और संगठन में एकता बनाए रखने की अपील की है। अब देखना यह होगा कि यह बिखराव सलोन बार एसोसिएशन को किस दिशा में ले जाता है- एकजुटता की ओर या और अधिक टकराव की ओर।

