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रायबरेली में बारिश से हालात बदतर, काशीराम कॉलोनी और अटौरा गांव में जलभराव से जनजीवन प्रभावित

रायबरेली जनपद में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। जिले के शहरी और ग्रामीण इलाकों में जलभराव, सीवर जाम और बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी ने प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी है। स्थिति इतनी खराब हो गई कि प्रशासन को अब निरीक्षण के जरिए हालात काबू में लाने की कोशिश करनी पड़ रही है।
Post Published By: Poonam Rajput
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रायबरेली में बारिश से हालात बदतर, काशीराम कॉलोनी और अटौरा गांव में जलभराव से जनजीवन प्रभावित

Raebareli: रायबरेली जनपद में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। जिले के शहरी और ग्रामीण इलाकों में जलभराव, सीवर जाम और बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी ने प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी है। स्थिति इतनी खराब हो गई कि प्रशासन को अब निरीक्षण के जरिए हालात काबू में लाने की कोशिश करनी पड़ रही है।

काशीराम कॉलोनी में प्रशासन का निरीक्षण

काशीराम कॉलोनी में रह रहे लोगों की समस्याओं को डायनामाइट न्यूज़ द्वारा प्रमुखता से उठाए जाने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया। जिला अधिकारी हर्षिता माथुर के निर्देश पर नायब तहसीलदार आकृति श्रीवास्तव ने सोमवार को लेखपालों की टीम के साथ कॉलोनी का निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्थानीय निवासियों से बातचीत की और पानी भराव, जाम नालियों और जर्जर सीवर लाइन की गंभीर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने मौके पर मौजूद कर्मचारियों को तत्काल राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए और भरोसा दिलाया कि संबंधित विभागों को प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई के लिए अवगत कराया जाएगा।

आकृति श्रीवास्तव ने लोगों से अपील की कि किसी भी आपात स्थिति की सूचना तत्काल प्रशासन को दें, जिससे त्वरित सहायता पहुंचाई जा सके।

ग्राम अटौरा बुजुर्ग में जलभराव से ग्रामीण परेशान

विकासखंड संताव के ग्राम पूरे लाला, अटौरा बुजुर्ग में हालात और भी खराब हैं। यहां बारिश के कारण देशराज पाल से लेकर अमन पाल के घर तक जाने वाला रास्ता पूरी तरह जलमग्न हो गया है। ग्रामीणों ने गांव के प्रधान गया प्रसाद लोधी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने नालियों का निर्माण गलत ढंग से करवाया है, जिससे पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि जलभराव के कारण उनका रोजमर्रा का जीवन पूरी तरह बाधित हो गया है और अधिकारी इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहे। यह स्थिति तब है जब प्रदेश सरकार स्वच्छ भारत मिशन और ग्रामीण विकास योजनाओं पर अरबों रुपये खर्च कर रही है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी योजनाओं का वास्तविक लाभ जमीनी स्तर पर नहीं पहुंच पा रहा है। इस कारण उन्हें बुनियादी समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है।

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