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Rampur News: रामपुर में रिश्तों को किया शर्मसार, ससुर ने की होने वाली बहू से शादी, पत्नी मांगे इंसाफ

उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने रिश्तों की मर्यादा को झकझोर कर रख दिया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Poonam Rajput
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Rampur News: रामपुर में रिश्तों को किया शर्मसार, ससुर ने की होने वाली बहू से शादी, पत्नी मांगे इंसाफ

रामपुर: उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने रिश्तों की मर्यादा को झकझोर कर रख दिया है। यहां एक शख्स ने अपने ही नाबालिग बेटे के लिए जिस लड़की से रिश्ता तय किया था, उसी को बहू बनाने की जगह खुद से निकाह कर लिया। मामला जिले के बांसनगली गांव का है, जहां शकील नामक व्यक्ति की हरकतों से उसका पूरा परिवार टूट चुका है और गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है।

क्या है पूरा मामला?

 डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक,  शकील छह बच्चों का पिता है। उसने अपने नाबालिग बेटे का रिश्ता खेमपुर गांव की एक लड़की से जबरन तय करवाया था। जब घरवालों ने विरोध किया तो शकील ने पत्नी और बच्चों के साथ मारपीट की और उन्हें रिश्ता मानने पर मजबूर किया। लेकिन असल मंशा कुछ और ही थी, जो धीरे-धीरे सामने आने लगी।

शकील की पत्नी के अनुसार, रिश्ता तय होने के बाद शकील और होने वाली बहू के बीच दिन-रात बातचीत शुरू हो गई। दिन में सामान्य कॉल्स और रात में वीडियो कॉल्स ने इस रिश्ते को एक अनैतिक मोड़ दे दिया। जब पत्नी और बेटे ने इस व्यवहार पर सवाल उठाया, तो शकील ने गाली-गलौज और मारपीट शुरू कर दी।

बेटे ने स्पष्ट रूप से शादी से इनकार कर दिया और पिता की हरकतों को शर्मनाक बताते हुए कहा कि उसने कई रिकॉर्डिंग और वीडियो भी अपने पास सुरक्षित रखे हैं। इसके बाद एक दिन शकील घर से दो लाख रुपये नकद और डेढ़ तोला सोना लेकर उसी लड़की के साथ भाग गया।

सबसे हैरानी की बात ये है कि शकील के माता-पिता और लड़की के घरवालों ने भी इस निकाह में उसका साथ दिया। अब शकील की पत्नी अपनी जिंदगी के लिए दर-दर भटक रही है और न्याय की गुहार लगा रही है। उसने कहा, “जिस लड़की को बहू बनाना था, अब वो मेरी सौतन बन गई है। मेरे पास मायके भी कोई नहीं है, अब कहां जाऊं?”

शकील के इस फैसले से उसका पूरा परिवार टूट गया है। तीनों बेटे अपनी मां के साथ हैं और समाज में शर्मिंदगी झेल रहे हैं। बेटा कहता है, “अब्बू ने हमारी इज्जत मिट्टी में मिला दी। उन्होंने बेटे नहीं, बाप की जिम्मेदारी निभाने से इनकार किया।” यह मामला केवल एक परिवार का संकट नहीं, बल्कि समाज के सामने एक बड़ा सवाल है—जब रिश्तों की सीमाएं टूटती हैं, तो भरोसे की नींव कैसे बचती है?

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