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सोनभद्र में पीडब्ल्यूडी विभाग पर सवाल, बारिश में सड़क मरम्मत का वीडियो हुआ वायरल

सोनभद्र में सड़क मरम्मत में भारी अनियमितताओं का मामला सामने आया है। इस मरम्मत कार्य का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जानिए क्या है पूरा मामला
Post Published By: Jaya Pandey
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सोनभद्र में पीडब्ल्यूडी विभाग पर सवाल, बारिश में सड़क मरम्मत का वीडियो हुआ वायरल

सोनभद्र: जिले के बभनी विकास खंड अंतर्गत ग्राम पंचायत बभनी के दरनखाड़ मोड़ से झोझवा मार्ग तक सड़क मरम्मत में भारी अनियमितताओं का मामला सामने आया है। इस मरम्मत कार्य का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें देखा गया कि बारिश के दौरान ही सड़क की पेंटिंग और मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य की गुणवत्ता को लेकर ग्रामीणों में गहरी नाराजगी है और उन्होंने विभागीय अधिकारियों व ठेकेदारों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि नौ किलोमीटर तक की सड़क की मरम्मत और पेंटिंग के कार्य में भारी गड़बड़ी की गई है। उनका कहना है कि जब सड़क पूरी तरह गीली थी, तब उस पर मरम्मत कार्य कराया गया, जिससे साफ है कि काम सिर्फ कागजों में पूरा दिखाने के लिए किया जा रहा है। ग्रामीणों ने ठेकेदार और जेई की योग्यता तथा जानकारी को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए। उनका कहना है कि इस तरह की लापरवाही न केवल सरकारी धन का दुरुपयोग है, बल्कि जनता के साथ धोखा भी है।

विभागीय अधिकारियों में हड़कंप

मामला सोशल मीडिया पर आने के बाद विभागीय अधिकारियों में हड़कंप मच गया। अवर अभियंता जितेन्द्र तिवारी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बारिश के दौरान जो मैटेरियल डाला गया था, उसे हटवा दिया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि जांच के बाद दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।

विभाग के कार्यों पर सवाल

यह कोई पहला मामला नहीं है जब सोनभद्र जिले में पीडब्ल्यूडी विभाग के कार्यों पर सवाल उठे हों। पहले भी विभाग की कार्यशैली और निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर जनता असंतोष जाहिर कर चुकी है। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार घटिया सामग्री का प्रयोग कर रहे हैं और मानक के विपरीत काम कर रहे हैं।

निष्पक्ष जांच की मांग

स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी से इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जब तक जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों पर कठोर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक इस तरह की अनियमितताएं बंद नहीं होंगी। यह मामला अब प्रशासन की पारदर्शिता और जवाबदेही पर एक अहम परीक्षा बन गया है।

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