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Gomti Riverfront: सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गोमती रिवर फ्रंट को लेकर भाजपा को घेरा, पढ़िये क्या कहा

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Poonam Rajput
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Gomti Riverfront: सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गोमती रिवर फ्रंट को लेकर भाजपा को घेरा, पढ़िये क्या कहा

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने ट्विटर पर विस्तृत पोस्ट शेयर करते हुए भाजपा सरकार पर विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न करने का आरोप लगाया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, अखिलेश यादव ने लिखा कि समाजवादी सरकार ने आम लोगों के स्वस्थ मनोरंजन और शहरी सौंदर्यीकरण के उद्देश्य से गोमती रिवर फ्रंट का विकास कराया था। लेकिन भाजपा सरकार ने राजनीतिक द्वेष के चलते न केवल इस परियोजना को रोका, बल्कि कई बार इसकी जांच कराकर इसे बदनाम करने की भी कोशिश की।

गोमती में जेट स्कीइंग, लेकिन पानी में गंदगी

अखिलेश ने कटाक्ष करते हुए लिखा कि गोमती रिवर फ्रंट में जेट स्कीइंग का मजा तब और आएगा, जब भाजपा सरकार की लापरवाही से प्रदूषित हुई गोमती नदी की बदबू पर्यटकों के आनंद में खलल नहीं डालेगी। उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या शुद्धिकरण के बिना सौंदर्यीकरण शुरू करना संभव है?

“क्या फव्वारे नदी में समा गए या आसमान निगल गया?”

अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार से सवाल किया कि उनके शासनकाल में चोरी हुए विदेशी फव्वारों की जांच क्यों नहीं कराई गई? उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि न तो यह सामने आया कि वे फव्वारे नदी में समा गए या आसमान निगल गया।

गोमती बनाम साबरमती

सपा प्रमुख ने यह भी कहा कि अगर भाजपा समाजवादी सरकार की विकास योजनाओं को आगे बढ़ाती तो विदेशी मेहमानों के झूले साबरमती नहीं बल्कि गोमती के किनारे लगते। उन्होंने गोमती रिवर फ्रंट को देश का सबसे बेहतरीन रिवर फ्रंट बताया और लखनऊ की जनता से इसे सार्वजनिक रूप से स्वीकार करने की अपील भी की।

मुख्य झील की जांच का संकेत

पोस्ट के अंत में अखिलेश यादव ने एक और कटाक्ष करते हुए लिखा कि जिस तरह भाजपा जांच का खेल खेलती है, उसी तरह “मुख्य शहर की किसी मुख्य झील” की भी जांच होनी चाहिए, क्योंकि 2027 में इसकी जांच निश्चित है

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