लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने ट्विटर पर विस्तृत पोस्ट शेयर करते हुए भाजपा सरकार पर विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न करने का आरोप लगाया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, अखिलेश यादव ने लिखा कि समाजवादी सरकार ने आम लोगों के स्वस्थ मनोरंजन और शहरी सौंदर्यीकरण के उद्देश्य से गोमती रिवर फ्रंट का विकास कराया था। लेकिन भाजपा सरकार ने राजनीतिक द्वेष के चलते न केवल इस परियोजना को रोका, बल्कि कई बार इसकी जांच कराकर इसे बदनाम करने की भी कोशिश की।
सपा के बनाए लखनऊ के गोमती रिवर फ़्रंट में आम जनता के स्वस्थ मनोरंजन के लिए जेट स्कीइंग का आनंद तब और बढ़ जाएगा, जब भाजपा सरकार की लापरवाही और उपेक्षा के कारण प्रदूषित हुई गोमती नदी अपने बदरंग और अपनी दुर्गंध को लेकर पर्यटकों के आनंद में बाधा नहीं बनेगी। भाजपा सरकार को कोई समझाए… pic.twitter.com/3Sj1qbfsUz
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 1, 2025
गोमती में जेट स्कीइंग, लेकिन पानी में गंदगी
अखिलेश ने कटाक्ष करते हुए लिखा कि गोमती रिवर फ्रंट में जेट स्कीइंग का मजा तब और आएगा, जब भाजपा सरकार की लापरवाही से प्रदूषित हुई गोमती नदी की बदबू पर्यटकों के आनंद में खलल नहीं डालेगी। उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या शुद्धिकरण के बिना सौंदर्यीकरण शुरू करना संभव है?
“क्या फव्वारे नदी में समा गए या आसमान निगल गया?”
अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार से सवाल किया कि उनके शासनकाल में चोरी हुए विदेशी फव्वारों की जांच क्यों नहीं कराई गई? उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि न तो यह सामने आया कि वे फव्वारे नदी में समा गए या आसमान निगल गया।
गोमती बनाम साबरमती
सपा प्रमुख ने यह भी कहा कि अगर भाजपा समाजवादी सरकार की विकास योजनाओं को आगे बढ़ाती तो विदेशी मेहमानों के झूले साबरमती नहीं बल्कि गोमती के किनारे लगते। उन्होंने गोमती रिवर फ्रंट को देश का सबसे बेहतरीन रिवर फ्रंट बताया और लखनऊ की जनता से इसे सार्वजनिक रूप से स्वीकार करने की अपील भी की।
मुख्य झील की जांच का संकेत
पोस्ट के अंत में अखिलेश यादव ने एक और कटाक्ष करते हुए लिखा कि जिस तरह भाजपा जांच का खेल खेलती है, उसी तरह “मुख्य शहर की किसी मुख्य झील” की भी जांच होनी चाहिए, क्योंकि 2027 में इसकी जांच निश्चित है