अलीगढ़ : उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जनपद के अलहदादपुर इलाके में मीट व्यापारियों (Aligarh Mob Lynching) के साथ हुई मारपीट का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। जहां इसी कड़ी में अब इस घटना ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। मंगलवार को कांग्रेस के नवनिर्वाचित सांसद इमरान मसूद (Newly elected Congress MP Imran Masood) जेएन मेडिकल कॉलेज पहुंचे और घायल व्यापारियों से मुलाकात कर उनका हाल जाना।
घायल व्यापारियों से मिले सांसद मसूद
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, अस्पताल में भर्ती व्यापारियों से बात करते हुए इमरान मसूद ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह घटना बेहद शर्मनाक है। उन्होंने आरोप लगाया कि दंगाइयों ने पुलिस की मौजूदगी में व्यापारियों को उनकी गाड़ियों से बाहर निकाला और उनकी बेरहमी से पिटाई की।
अगर पुलिस न होती, तो मार दिए जाते व्यापारी
मसूद ने कहा कि पुलिस की मौजूदगी की वजह से व्यापारियों की जान बच पाई। उन्होंने कहा, “अगर पुलिस वहां नहीं होती तो ये व्यापारी मारे जाते।”
योगी सरकार की नीतियों पर सवाल
सांसद मसूद ने योगी सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि एक तरफ सरकार मीट फैक्ट्रियां चला रही है, वहीं दूसरी तरफ मीट व्यापारियों को सरेआम पीटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह दोहरी नीति है और इससे कानून व्यवस्था पर सवाल उठते हैं।
कानून किसके इशारे पर चल रहा?
इमरान मसूद ने सवाल उठाया कि प्रदेश में कानून व्यवस्था किसके इशारे पर चल रही है। उन्होंने कहा कि व्यापारियों को भय और हिंसा के माहौल में जीने नहीं दिया जा रहा है, जो लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ है।
घटना की निष्पक्ष जांच की मांग
कांग्रेस सांसद ने मांग की कि इस घटना की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। साथ ही प्रभावित व्यापारियों को सुरक्षा और मुआवजा मिले। वही अब देखने वाली बात यह है कि आखिर पीड़ित व्यापारियों की मांग कब तक पूरी होती है।
इमरान मसूद ने कहा कि अलीगढ़ में मीट फैक्ट्री राशिद के साथ मीट ले जा रहे चार मीट सप्लायरों को जिस तरह से भीड़ ने पुलिस की गाड़ी से खींचकर पीटा, उससे कानून व्यवस्था का मखौल उड़ गया है। एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री जीरो टॉलरेंस कानून व्यवस्था का दावा करते हैं। वहीं दूसरी तरफ भीड़ ऐसी घटनाओं को अंजाम देकर उनकी कानून व्यवस्था का मखौल उड़ा रही है।

