Varanasi: गंगा एक बार फिर अपने रौद्र रूप की ओर बढ़ रही हैं। सोमवार की सुबह गंगा का जलस्तर 68.94 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो लगातार बढ़ रहा है। मंगलवार की सुबह 9 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इससे तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि यदि यह रफ्तार बनी रही तो आने वाले दिनों में एक बार फिर बाढ़ की स्थिति बन सकती है।
गौरतलब है कि अगस्त की शुरुआत में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 71.26 मीटर को पार कर 72 मीटर से ऊपर चला गया था। इससे घाटों समेत शहर के कई निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई थी। लोग अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर हो गए थे। बाढ़ के पानी के घटने के बाद कुछ राहत मिली थी, लेकिन अब दोबारा जलस्तर में तेजी से हो रही बढ़ोतरी ने संकट की आहट दे दी है।
वाराणसी में गंगा का जलस्तर फिर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और लगातार जलस्तर की निगरानी की जा रही है।#VaranasiFlood #GangaGhats #GangaRiver #FloodWarning pic.twitter.com/mTMRC4F01v
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) August 26, 2025
प्रशासन सतर्क, लगातार निगरानी
गंगा के जलस्तर में हो रही वृद्धि को देखते हुए जिला प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, गंगा अभी खतरे के निशान से लगभग तीन मीटर नीचे बह रही हैं, लेकिन बढ़ने की रफ्तार बनी रही तो यह फासला जल्द ही सिमट सकता है।
जल पुलिस, एनडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमें घाटों पर तैनात कर दी गई हैं। साथ ही नाविकों को सतर्क रहने और अनावश्यक गतिविधियों से बचने के निर्देश दिए गए हैं। जिला प्रशासन ने संवेदनशील घाटों और निचले इलाकों में निगरानी के लिए टीमों की तैनाती कर दी है।
घाटों पर फिर पसरा सन्नाटा
गंगा में जलस्तर बढ़ने से घाटों पर फिर सन्नाटा पसरने लगा है। कुछ घाटों पर जल भराव शुरू हो गया है। जिन इलाकों में हाल ही में बाढ़ का पानी उतरा था, वहां के लोग दोबारा अपने सामानों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की कोशिश में जुट गए हैं।
Varanasi News: बाढ़ के मुहाने पर काशी! हर घंटे 4 सेमी बढ़ रही गंगा, ‘सुबह-ए-बनारस’ तक पहुंचा पानी
सावधानी बरतने की अपील
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे गंगा के किनारे अनावश्यक रूप से न जाएं और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें। विशेष रूप से नाविकों और श्रद्धालुओं को आगाह किया गया है कि वे जलस्तर की स्थिति को देखते हुए सतर्कता बरतें।