Gorakhpur: भारतीय वायुसेना की वीरता, अनुशासन और गौरवशाली परंपरा को नमन करते हुए वायु सेना स्टेशन गोरखपुर में शनिवार, 2 नवंबर को “सेखों भारतीय वायु सेना मैराथन” का भव्य आयोजन किया गया। यह मैराथन परमवीर चक्र विजेता फ्लाइंग ऑफिसर निर्मल जीत सिंह सेखों की वीरता को समर्पित रही, जिन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध में असाधारण साहस का प्रदर्शन किया था।
देशभक्ति और फिटनेस का संगम
इस मैराथन ने न केवल खेल भावना को प्रोत्साहित किया, बल्कि राष्ट्रभक्ति और एकता का भी सशक्त संदेश दिया। वायुसेना कर्मियों, उनके परिजनों और नागरिक प्रतिभागियों ने एक साथ दौड़कर यह साबित किया कि खेल और देशसेवा दोनों ही लोगों को एक सूत्र में बांधते हैं। कुल 600 से अधिक प्रतिभागियों ने इस आयोजन में हिस्सा लिया। सुबह से ही वायुसेना स्टेशन परिसर में उत्साह, जोश और देशभक्ति का माहौल छाया रहा।
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तीन श्रेणियों में हुई प्रतियोगिता
मैराथन को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया था 5 किलोमीटर, 10 किलोमीटर और हाफ मैराथन (21 किलोमीटर)। सभी श्रेणियों में प्रतिभागियों ने फिटनेस और अनुशासन की शानदार झलक पेश की।कार्यक्रम का शुभारंभ एयर कमोडोर प्रशांत, एयर ऑफिसर कमांडिंग, वायु सेना स्टेशन गोरखपुर ने किया। उन्होंने स्वयं 10 किलोमीटर की दौड़ में भाग लेकर सभी प्रतिभागियों का हौसला बढ़ाया। उनके नेतृत्व और जोश से प्रेरित होकर प्रतिभागियों ने पूरे शहर में “फिट इंडिया, स्ट्रॉन्ग इंडिया” का संदेश गूंजा दिया।
विजेताओं का सम्मान
21 किलोमीटर हाफ मैराथन में महिंदर सिंह ने 1 घंटा 19 मिनट में लक्ष्य पूरा कर पहला स्थान प्राप्त किया, जबकि महिला वर्ग में अग्निवीर नितिशा ने 2 घंटे 48 मिनट में दौड़ पूरी कर सबका ध्यान आकर्षित किया। समापन समारोह में शानदार पुरस्कार वितरण कार्यक्रम हुआ, जिसमें प्रत्येक श्रेणी के शीर्ष तीन पुरुष और महिला प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। सभी विजेताओं को स्मृति चिह्न और प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।
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प्रशासन और वायुसेना की सराहनीय व्यवस्था
गोरखपुर प्रशासन ने आयोजन को सफल बनाने में पूरा सहयोग दिया। सुरक्षा, यातायात और चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था बेहतरीन रही। आयोजन स्थल पर पूरे समय एम्बुलेंस, डॉक्टर और सुरक्षाकर्मी मौजूद रहे।
“सेखों भारतीय वायु सेना मैराथन” ने गोरखपुर को देशभक्ति और ऊर्जा से भर दिया। यह आयोजन केवल एक खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि साहस, अनुशासन और एकता की भावना का जीवंत प्रतीक बन गया। भारतीय वायुसेना ने एक बार फिर यह साबित किया कि वह सिर्फ आकाश की नहीं, बल्कि समाज की भी प्रेरक शक्ति है।

