जाने क्यों मनाई जाती है गणेश चतुर्थी.. क्यों होती है गणपति की सबसे पहले पूजा

गणेश चतुर्थी मनाने को लेकर वैसे बहुत सी मान्यताएं जुड़ी हुई है। आखिर भगवान गणेश का देवलोक और पृथ्वी में सबसे पहले किसलिए होता है पूजन। कनॉट प्लेस स्थित प्राचीन गणेश मंदिर के पुजारी से डाइनामाइट न्यूज़ की खास बातचीत

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 12 September 2018, 6:12 PM IST

नई दिल्लीः गणेश चतुर्थी वीरवार को यानी 13 सितंबर को बड़े धूम-धाम से भारत समेत विश्व में कई जगहों पर मनाई जाएगी। गणेश चतुर्थी को लेकर हालांकि कई पौराणिक मान्याताएं है जो यह बताती है कि किस तरह से भगवाम गणेश ने देव लोक में ख्याती पाई थी। 

दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित प्राचीन गणेश मंदिर में डानामाइट न्यूज़ की टीम ने मंदिर के पुजारी से जाना गणेश चतुर्थी के महत्व को लेकर। 

इसलिए होता है सबसे पहले गणपति का पूजन

1. एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार देव लोक में समस्त देवताओं के बीच यह विवाद हुआ कि धरती पर किस देवता की पूजा समस्त देवगणों से पहले होगी। इस पर नारद जी ने सभी देवगणों को भगवान शिव से परामर्श लेने को कहा और उनसे उपाय बताने का आग्रह किया। 

2. इस पर भगवान शिव ने एक प्रतियोगिता का आयोजन किया। जिसके अनुसार सभी देवताओं को अपने-अपने वाहनों से पूरे ब्रह्मांड की परिक्रमा कर शिवजी के पास वापस आना था। इसमें जो सर्वप्रथम रहेगा उसी देवता की धरती पर सबसे पहले पूजा की जाएगी, ऐसा निर्णय लिया गया था।

3. जब सभी देवता ब्रह्मांड की परिक्रमा कर रहे थे तब गणेश जी भगवान अपने माता- पिता यानी भगवान शिव और पार्वती के चारों तरफ 7 बार परिक्रमा की और दोनों के चरण छुए।   

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4. इससे पहले कि सभी देवता ब्रह्मांड का चक्कर काटकर पहुंचते शिवजी ने गणेश की इस तरकीब से खुस होकर कहा कि अब से ब्रह्माण्ड व समस्त लोक में गणेश जी का सर्वप्रथम पूजन किया जाएगा।

 

इसलिए मनाई जाती है गणेश चतुर्थी

1. द्वापर युग में एक बार धर्मराज को बेहद कष्ट हुआ था। इस पर वह विचलित हो उठे थे और उनसे ये कष्ट सहा नहीं जा रहा था।

2. इस पर वह कृष्ण जी के पास गए और उनसे इस दुविधा से निवारण पाने के लिए उपाय बताने का आग्रह किया। 

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3. इस पर भगवान कृष्ण ने कहा कि अगर आप भाद्र पद मास में सिद्धि विनायक का अगर व्रत करेंगे तो आपके सारे कष्ट दूर हो जाएंगे।

4. इस पर धर्मराज, नारद जी के पास गए और उन्होंने इस व्रत की विधि के बारे में नारद जी से पूछा तो उन्होंने इसे विस्तार से बताया। जब उन्होंने व्रत रखा तो उनके सारे कष्ट दूर हो गए। तभी से ही गणेश चतुर्थी मनाई जाती है।

Published : 
  • 12 September 2018, 6:12 PM IST

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