Site icon Hindi Dynamite News

UP: गंभीर आरोपों के बीच निजी कारणों का हवाला देकर UPSSSC के चेयरमैन सीबी पालीवाल ने दिया इस्तीफा

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष सीबी पालीवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इसके पीछे व्यक्तिगत कारणों का हवाला दिया है। डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में पढ़ें पूरी पड़ताल
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
UP: गंभीर आरोपों के बीच निजी कारणों का हवाला देकर UPSSSC के चेयरमैन सीबी पालीवाल ने दिया इस्तीफा

लखनऊः उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष सीबी पालीवाल को यूपी सरकार ने इतनी बड़ी जिम्मेदारी देते हुए शायद यह उम्मीद जताई होगी कि आयोग के चेयरमैन सीबी पालीवाल परीक्षाओं में लग रहे धांधली के आरोपों के बीच आयोग की प्रतिष्ठा फिर से बहाल करेंगे मगर जिस तरह से आयोग के अध्यक्ष सीबी पालीवाल ने अचानक अपने पद से व्यक्तिगत कारणों का हवाला देकर इस्तीफा दिया है उससे राजधानी और प्रतियोगियों में चर्चाओं का दौर गरम है बड़ा सवाल यह है कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी रही होगी कि आयोग के चेयरमैन को अचानक अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।

15 जुलाई को टियर 2 के पदों पर होने वाली लिखित परीक्षा का पेपर लीक होने से उठा था बड़ा बवंडर 

गौरतलब है की 15 जुलाई को टियर 2 के 600 से अधिक पदों के लिए यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने परीक्षा आयोजित कराई थी। जिसे संपन्न कराने का जिम्मा आयोग ने न्यासा नाम के फर्म को सौंपा। जबकि इस कंपनी ने इसके पहले कभी इस तरह की परीक्षा नही आयोजित कराई थी। जबकि 15 जुलाई को टियर 2 के पदों के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा के पेपर एक दिन पहले 14 जुलाई को लीक हो गया था। परीक्षा के बाद कुछ उम्मीदवारों ने इसकी शिकायत भी आयोग मे की।इस पर आयोग ने एसटीएफ को जांच के लिए पत्र लिखा।

मामले की जांच एसटीएफ ने शुरू किया। जिसमे परीक्षा आयोजित कराने वाली परीक्षा एजेन्सी न्यासा और नोएडा स्थित प्रिटिंग प्रेस gopsons printing pvt Ltd की लापरवाही जांच मे सामने आयी। एसटीएफ ने परीक्षा आयोजित कराने वाली एजेन्सी और प्रिटिंग प्रेस दोनो को ब्लैकलिस्ट करने की आयोग से सिफारिश की।
ये सिफारिश पिछले 4 अक्टूबर को की गई थी। मगर लंबा समय बीतने के बाद भी आयोग मामले की जांच रिपोर्ट दबा कर बैठा रहा। 

आयोग के अध्यक्ष सी बी पालीवाल ने लापरवाही बरतने के दोषी फर्म न्यासा और प्रिटिंग प्रेस को ब्लैक लिस्ट करने से क्यों बच रहे थे।यह बङा सवाल रहा।जो योगी सरकार के पारदर्शी तरीके से भर्ती परीक्षा आयोजित कराने के दावे के एकदम उलट रहा।
इसके साथ ही परीक्षाओं में होने वाली अनावश्यक देरी ने भी प्रतियोगियों के गुस्से को बढ़ाने का काम किया और प्रतियोगियों के बीच में आयोग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठते रहे।

 

Exit mobile version