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इस राज्य में किसान की मौत पर खड़ा हुआ बवाल, विधानसभा में जमकर हुआ हंगामा

बौध जिले में कथित रूप से कर्ज के बोझ के कारण हुई एक किसान की मौत के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण ओडिशा विधानसभा की कार्यवाही शुक्रवार को एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गई। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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इस राज्य में किसान की मौत पर खड़ा हुआ बवाल, विधानसभा में जमकर हुआ हंगामा

भुवनेश्वर: बौध जिले में कथित रूप से कर्ज के बोझ के कारण हुई एक किसान की मौत के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण ओडिशा विधानसभा की कार्यवाही शुक्रवार को एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गई।

सुबह 10.30 बजे जैसे ही सदन में प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू हुई भाजपा और कांग्रेस के विधायक आसन के समक्ष आ गए और अध्यक्ष बी के अरुखा से किसान की मौत पर चर्चा की अनुमति देने के लिए प्रश्नकाल निलंबित करने का आग्रह किया।

सदन में व्यवस्था बनाए रखने के अध्यक्ष के अनुरोध का कोई परिणाम नहीं निकला, इसलिए कार्यवाही एक घंटे के लिए पूर्वाह्न 11.30 बजे तक स्थगित कर दी गई।

विपक्षी सदस्यों ने धरनी बेहरा का मुद्दा उठाया, जिनकी बौध जिले की बौसुनी मंडी में कथित तौर पर अपने धान की बिक्री का इंतजार करते समय मृत्यु हो गई थी। हालांकि उन्हें 25 जनवरी को अपनी उपज बेचने के लिए एक टोकन दिया गया था, लेकिन कथित तौर पर उनकी उपज नहीं खरीदी गई और उन्होंने लंबे समय तक इंतजार किया।

विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि बृहस्पतिवार को दिल का दौरा पड़ने से किसान की मौत हो गई।

जब सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न 11.30 बजे फिर से शुरू हुई, तो विपक्ष के नेता जयनारायण मिश्रा (भाजपा) ने कहा कि किसान तनाव में था क्योंकि वह सरकारी मंडी में अपना धान नहीं बेच पाया।

उन्होंने कहा कि हालांकि सदन के हर सत्र में किसानों के मुद्दों पर चर्चा होती है, लेकिन उनकी समस्याएं अनसुलझी रहती हैं और उन्हें परेशानी होती रहती है।

मिश्रा ने यह भी आरोप लगाया कि किसानों को राज्य द्वारा संचालित मंडियों में धान के लिए 2040 रुपये प्रति क्विंटल का उचित न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है और इसलिए वे बाहर बिक्री के लिए जाते हैं।

अरुखा ने तब सदन को सूचित किया कि सत्ता पक्ष ने कृषि मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है और विपक्षी सदस्य चर्चा के दौरान इस विषय पर बोल सकते हैं।

बहरहाल, मिश्रा ने कहा कि विपक्ष को सत्तारूढ़ दल के नोटिस और सदन में होने वाली चर्चा के विषय की जानकारी नहीं है।

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